पूर्व केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री रह चुके कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के उस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है
महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक के बीच मध्यप्रदेश से नई सियासी खबर आ रही है। कांग्रेस के महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस पार्टी का नाम हटा दिया है। अब उन्होंने खुद को समाजसेवक और क्रिकेटप्रेमी बताया है।
इस मामले को लेकर जब मीडिया ने उनसे सवाल किया तो मंत्री जी ने कहा-मैं तो सिंधियाजी का सेवक हूं। इसलिए उनके परिवार की चरण वंदना करता हूं। मुझे तो उनके पैर पड़ने में खुशी होती है। इसमें किसी को क्या आपत्ति होती है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि 47 वर्षीय ज्योतिरादित्य सिंधिया आजकल अपनी पार्टी के कामकाज करने के तरीके से नाराज हैं। ऐसे कयास भी लगाये जा रहे हैं कि वह कांग्रेस छोड़कर नये सिरे से अपनी राजनीतिक पारी शुरू कर सकते हैं।
पार्टी महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी को बड़ी नसीहत देते हुए कहा है कि कांग्रेस को आत्मचिंतन की जरूरत है। आपको बता दें कि खुर्शीद ने बुधवार को कहा था कि पार्टी की मौजूदा स्थिति देखकर चिंता होती है। साथ ही कहा था कि हमारी सबसे बड़ी समस्या यह है कि हमारे नेता राहुल गांधी ने हमें छोड़ दिया।
भाजपा ने सोमवार को आरोप लगाया कि कमलनाथ सरकार राहत और बचाव के लिये पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह कहा-"सूबे में प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न भयावह हालात की सुध लिये बगैर कमलनाथ सरकार ‘कुंभकर्ण की नींद’ सो रही है।"
आर्थिक सुस्ती को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को कहा कि सरकार में इस संकट से निपटने की क्षमता नहीं है। सिंधिया ने कहा, यह चिंता का विषय है कि देश में आर्थिक संकट लगातार गहरा रहा है।
अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के फैसले पर कांग्रेस में खुलकर मतभेद सामने आए। जहां एक ओर पार्टी के वरिष्ट नेता गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, पी चिदंबरम, मनीष तिवारी और अधीर रंजन चौधरी ने सरकार के फैसले का विरोध किया।
लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद राहुल गांधी की नाराजगी के चलते पार्टी में लगातार इस्तीफे हो रहे हैं। इसमें अब ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी जुड़ गया है। उन्होंने महासचिव पद छोड़ दिया है।