शनि की कृपा होने से व्यक्ति के जीवन में खुशी और सुख-समृद्धि आती है और व्यक्ति तरक्की करते हुए सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ता चला जाता है।
आज (11 मई, मंगलवार) को वैशाख मास की अमावस्या है। इसे पितृ अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन पितरों की पूजा का विशेष महत्व है।
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करने के कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को ध्यान में रखकर परेशानियों से बचा जा सकता है। ये उपाय बहुत ही आसान होते हैं। इन उपायों में ये भी बताया जाता है कि हमें कौन-से कार्य करना है और कौन-से नहीं।
भारतीय वास्तु शास्त्र और चीनी फेंगशुई में एक बात समान है, दोनों ही पॉजिटिव, नेगेटिव ऊर्जा के आधार पर अपना कार्य करते हैं। फेंगशुई में ऊर्जा को बैलेंस करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। उन्हीं में से एक है खुशबूदार मोमबत्ती।
नए घर में प्रवेश करना सभी के लिए बहुत खुशी का पल होता है। गृह प्रवेश करते समय बहुत सी बातों का ध्याना रखना जरूरी है तभी नए घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
फेंगशुई में धन-समृद्धि की प्राप्ति के लिए अनेक प्रयोग बताए गए हैं, उन्हीं में से एक है फाउंटेन। फाउंटेन या झरने में लगातार पानी का प्रवाह होता रहता है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
आज (15 अप्रैल, गुरुवार) गणगौर तीज है। इस दिन विशेष रूप से माता पार्वती व भगवान शंकर की पूजा की जाती है। यह कुंवारी और विवाहिता स्त्रियों का त्योहार है।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर तीज का पर्व मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं देवी पार्वती और शिवजी की विशेष पूजा करती हैं। इस बार ये पर्व 15 अप्रैल, गुरुवार को है।
इस बार 2 दिन (11 और 12 अप्रैल) चैत्र मास की अमावस्या का योग बन रहा है। 11 अप्रैल को चतुर्दशी तिथि युक्त अमावस्या रहेगी। दूसरे दिन यानी 12 अप्रैल को पूर्ण अमावस्या रहेगी। चतुर्दशी तिथि से युक्त होने के कारण 11 अप्रैल की अमावस्या दर्श अमावस्या कहलाएगी।
वास्तु शास्त्र सकारात्मक यानी पॉजिटिव और नकारात्मक यानी निगेटिव एनर्जी के आधार पर काम करता है। घर में अगर निगेटिव एनर्जी अधिक होगी तो वहां रहने वाले लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।