राधिका गुप्ता मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले की रहने वाली हैं। ये जिला देश का सबसे कम साक्षरता वाला जिला है। Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने राधिका से बातचीत की।
करियर डेस्क. मध्य प्रदेश के आलीराजपुर जिले की रहने वाली राधिका गुप्ता देश के सबसे कम साक्षरता वाले जिले से आती हैं। राधिका गुप्ता (radhika gupta) ने यूपीएससी 2020 (UPSC 2020 ) में 18वीं रैंक हासिल की है। उनका कहना है कि इंटरव्यू में कई तरह के सवाल पूछे जाते हैं। राधिका कहती हैं कि इंटरव्यू से एक दिन पहले थोड़ा सा नर्वसनेस और चिंता थी। साथ ही थोड़ा सा आत्मविश्वास था। पहले इंटरव्यू दे चुकी थी तो मुझे मालूम था कि किस तरह से इंटरव्यू होता है। चिंता तो हमेशा रहती है कि आधे घंटे में आपके नम्बर 150 से 210 तक कुछ भी हो सकते हैं। यदि आपके नम्बर 150 आएंगे तो शायद आप लिस्ट से बाहर हो जाएंगे और यदि आपके नम्बर 210 तक आएंगे तो शायद आपकी रैंक टॉप 50 में भी आ सकती हैं। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) के नतीजे 24 सितंबर, 2021 को जारी किए गए। फाइनल रिजल्ट (Final Result) में कुल 761 कैंडिडेट्स को चुना गया। Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने राधिका से बातचीत की। आइए जानते हैं उनसे इंटरव्यू में किस तरह के सवाल पूछे गए थे।
सवाल- महिलाओं को एनडीए के जरिए नियुक्ति मिली है, आपकी क्या राय है महिलाओं को एनडीए के जरिए नियुक्ति दी जानी चाहिए या नहीं?
जवाब- देशभक्ति का कोई जेंडर नहीं होता है। पुरूष हो महिला हो या ट्रांसजेंडर हो, हर इंसान देशभक्त हो सकता है। हर इंसान देश की सेवा कर सकता है। अभी तक हमने महिलाओं को आर्म्ड फोर्सेज में आने की अनुमति नहीं दी थी। जब हम अनुमति देंगे तो यह बहुत अच्छी पहल होगी क्योंकि कई सारे देश हैं। यूएस, इजराइल में वुमेन आर्म्ड फोर्सेज में हैं। यह महिला सशक्तिकरण का एक बहुत अच्छा तरीका है। उन्हें भी बराबर की हिस्सेदारी मिलेगी।
सवाल- इलेक्ट्रिकल व्हीकल की गाड़ियां क्यों चाहिए, जबकि पेट्रोल और डीजल से चलने वाले व्हीकल मौजूद हैं?
जवाब- इलेक्ट्रिकल व्हीकल की टेक्नोलॉजी बहुत ही क्लीन टेक्नोलॉजी है। जब वह आएगी तो पाल्यूशन कम होगा। उपभोक्ता को चुनाव के लिए बेहतर विकल्प मिलेंगे। वातावरण के लिए भी अच्छा है। भविष्य के लिए इसका स्कोप बहुत ही अच्छा है।
सवाल- आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस क्या टेक्नोलॉजी है?
जवाब- मोबाइल फोन का उदाहरण देते हुए कहा कि मोबाइल फोन ने हमारी पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया है। एक मोबाइल फोन की मदद से हम हजारों किमी दूर बैठे व्यक्ति से बात कर सकते हैं। उसी तकनीकी की मदद से हम किसी को मदद उपलब्ध करा सकते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसका प्रयोग कर हम पूरी दुनिया के लोगों को एक ऊंगली की दूरी पर कनेक्ट कर सकते हैं। इस तरह एक्सप्लेन किया था कि किस तरह से हमारी जिंदगी आर्टिफिशियली इंटेलीजेंट हो रही है।
सवाल- ट्राइबल एजुकेशन को कैसे इम्प्रूव कर सकते हैं?
जवाब- ट्राइबल एजुकेशन की भाषा को जब तक हम हिंदी और अंग्रेजी में बनाएंगे, तब तक दिक्कत रहेगी क्योंकि आदिवासी उस भाषा का यूज नहीं करते हैं। जब हम आदिवासी भाषा में सेलेबस डिजाइन करते हैं, उन्हीं की भाषा में पढ़ाते हैं, उन्हीं के बोली में उन्हीं के टीचर्स के द्वारा तो एडाप्टीबिलिटी ज्यादा होती है। कई जगह ऐसा हो भी रहा है।
डीएएफ के इर्द गिर्द घूम रहे थे सवाल
राधिका कहती हैं कि इंटरव्यू से एक दिन पहले थोड़ा सा नर्वसनेस और चिंता थी। साथ ही थोड़ा सा आत्मविश्वास था। पहले इंटरव्यू दे चुकी थी तो मुझे मालूम था कि किस तरह से इंटरव्यू होता है। चिंता तो हमेशा रहती है कि आधे घंटे में आपके नम्बर 150 से 210 तक कुछ भी हो सकते हैं। यदि आपके नम्बर 150 आएंगे तो शायद आप लिस्ट से बाहर हो जाएंगे और यदि आपके नम्बर 210 तक आएंगे तो शायद आपकी रैंक टॉप 50 में भी आ सकती हैं। उनका कहना है कि यूपीएससी का इंटरव्यू बहुत बड़ा गैम्बल होता है। लेकिन कांफिडेंस वाली फीलिंग यह थी कि इस बार कुछ न कुछ बेहतर हो ही जाएगा। अभ्यर्थी द्वारा डीएएफ (डिटेल एप्लीकेशन फार्म) भरा जाता है। इंटरव्यू में सवाल उसी के इर्दगिर्द घूम रहे थे। उनका इंटरव्यू 25 मिनट करीब चला था।
परीक्षा का पैटर्न समझना जरूरी
राधिका कहती हैं कि यूपीएससी ही नहीं आप जो भी परीक्षा दे रहे हैं। उसमें ईमानदारी वाली मेहनत चाहिए। उसका पैटर्न समझना बहुत जरूरी है। चाहे वह राज्य पीसीएस परीक्षा हो या एनडीए या एसएससी परीक्षा। यह समझना बहुत जरूरी है कि परीक्षा की डिमांड क्या है। एस्पिरेंटस यह गलती न करें कि वह तैयारी कर रहे हैं और उन्हें परीक्षा के पैटर्न के बारे में ही नहीं पता है।
पहले अटेम्पट में मिला था आईआरपीएस
राधिका ने सरस्वती शिशु मंदिर से वर्ष 1999 से 2005 तक कक्षा एक से सातवीं तक की पढ़ाई की। फिर उनका एडमिशन आलीराजपुर के डानबास्को स्कूल में हुआ। उसके बाद उन्होंने इंदौर के जीएसआईटीएस कॉलेज से वर्ष 2017 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग से स्नातक किया। फिर एक साल उन्होंने निजी कम्पनी में नौकरी की। इस दरम्यान उनका यूपीएससी परीक्षा देने का विचार संकल्प में बदला तो उन्होंने वर्ष 2018 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया और परीक्षा की तैयारी में जुट गईं। वर्ष 2019 में उन्होंने अपना पहला अटेम्पट दिया। जिसमें उन्हें सफलता मिली थी। उन्हें आईआरपीएस (इंडियन रेलवे पर्सनल सर्विसेज) काडर मिला। यूपीएससी 2020 की परीक्षा में यह उनका दूसरा अटेम्पट था।
इसे भी पढ़ें- Success Story: सरस्वती शिशु मंदिर से की पढ़ाई, जॉब छोड़कर शुरू की तैयारी, नतीजा- UPSC 2020 में मिली 18वीं रैंक
Success Story: IITians विदेश क्यों जा रहे हैं? UPSC Interview के ऐसे सवालों का जवाब देकर बन गए IAS
Success Story: विदेश में जॉब का ऑफर छोड़ UPSC की शुरू की तैयारी, नतीजा- 2020 में मिली 29वीं रैक