Navratri 2021: उपवास के दौरान खाने में शामिल करें ये 5 प्रकार का आटा, सात्विक होने के साथ ही है ग्लूटन फ्री

फूड डेस्क : 7 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र (Navratri 2021) शुरू हो गई है, जो कि 15 अक्टूबर तक चलेगी। नवरात्रि के दौरान पूरे नौ दिनों तक हर तरफ भक्तिमय माहौल रहता है। हालांकि, इस बार नौ दुर्गे सिर्फ 8 दिन की है। कई भक्त मां जगदम्बा को प्रसन्न करने के लिए 9 दिनों तक व्रत (Fasting) रखते हैं। लेकिन इस दौरान वो अपनी डाइट का ध्यान नहीं रखते, जिससे दूसरे या तीसरे दिन से ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगती है और उन्हें डिहाईड्रेशन, बदहजमी, सिरदर्द और कमजोरी महसूस होती है। व्रत के दौरान आप अपनी डाइट में इन 5 आटों को शामिल करके अपने व्रत को तो सफल बना ही सकते हैं, साथ ही ये ग्लूटन फ्री भी होते हैं, जो आपका वजन नियंत्रित रखेंगे। आइए आज आपको बताते हैं, कि व्रत के दौरान आप कौन से 5 आटे खा सकते हैं....

Asianet News Hindi | Published : Oct 7, 2021 5:08 AM IST

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Navratri 2021: उपवास के दौरान खाने में शामिल करें ये 5 प्रकार का आटा, सात्विक होने के साथ ही है ग्लूटन फ्री

यह नवरात्रि के उपवास के दौरान सबसे ज्यादा खाया जाता है। यह एक ग्लूटेन फ्री आटा है जो फाइबर, प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर होता है। कुट्टू के आटे से आप रोटी, पराठा या चीला भी बना सकते हैं।
 

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यह आटा भी बहुत पौष्टिक और ग्लूटन फ्री होता है। इसे साबुत अनाज के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। गेहूं के आटे की तुलना में राजगिरा का आटा वजन घटाने में मददगार होता है, हड्डियों को मजबूती देता है और हाई फाइबर होने के कारण पाचन में मदद करता है। यह उपवास के दौरान पसंद किए जाने वाले आटों में से एक है, इससे आप हलवा, पूड़ी, पराठा, रोटी सभी प्रकार की चीजें बना सकते हैं।
 

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भगर या समो एक पौधे का बीज है जिसे इचिनोक्लोआ कोलोनम कहा जाता है, जिसे आमतौर पर उपवास के दौरान खाया जाता है। यह छोटा, ऑफ-व्हाइट और गोल होता है जिसे मोरियायो, वारई, कोदरी, संवत या समक चावल भी कहा जाता है। इसका आटा भी मार्केट में मिलता है। ग्लूटन फ्री, हाई फाइबर और पोषण तत्वों से भरपूर, समो आपके लिए एक फुल मील होता है। यह उपवास के दौरान आपकी एनर्जी को बनाए रखता है।

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साबूदाना सबसे लोकप्रिय 'व्रत' सामग्री में से एक है, लेकिन आप इसे आटे में पीसकर इससे कई सारी डिश बना सकते हैं। ये ग्लूटन फ्री और स्टार्चयुक्त खाना होता है, जो आपको लंबे समय तक भूख का एहसास नहीं करवाता है। साबूदाने के आटे से आप उत्तपम, डोसा, इडली या चीला बना सकते हैं।

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यह आटा फाइबर से भरपूर होता है और पचने में अधिक समय लेता है। यह आपका पेट भरा हुआ होने का एहसास देता है। जब आप उपवास कर रहे होते हैं, तो यह स्वाभाविक है कि आपकी एनर्जी कम होने लगती है, लेकिन सिंघाड़े के आटे से बनी डिशेज आपकी ऊर्जा बनाए रखती है। सिंघाड़े के आटे को पानीफल, डेविल पॉड, बैट नट और बफेलो के नट के रूप में भी जाना जाता है।

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