1962 के बाद यानी 59 साल बाद 9 फरवरी को मकर राशि में 6 ग्रह रहेंगे। इन ग्रहों के एक ही राशि में होने से गोल योग बनेगा। ज्योतिष शास्त्र में इसे अशुभ योग कहा जाता है।
उज्जैन. गोल योग के कारण राजनीतिक उथल-पुथल, प्राकृतिक आपदा जैसे संकट आ सकते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. रामचंद्र वैदिक के अनुसार, 24 जनवरी 2020 से शनि अपनी ही राशि मकर में स्थित हैं। 20 नवंबर से गुरु भी इसी राशि में है। 4 दिसंबर को इस राशि में बुध ने प्रवेश किया।
14 जनवरी को सूर्य का इस राशि में प्रवेश हुआ। 27 जनवरी से शुक्र भी इस राशि में आ चुका है। 9 फरवरी को चंद्रमा के इस राशि में प्रवेश करते ही षड्ग्रही (गोल) योग बन जाएगा। ये योग अनिष्टकारी है यानी इस योग के परिणाम अच्छे नहीं होंगे। ग्रहों की ये युति हिंसा, उपद्रव, मंहगाई और बेरोजगारी बढ़ाने वाली है। भारत सहित अन्य देशों पर भी इसका अशुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
इसके पहले 1962 में भी 6 ग्रहों की युति बनी थी। उस समय सूर्य, शुक्र, केतु, गुरु, शनि और बुध एक ही राशि में थे। ग्रहों की इस युति के चलते ही उस समय चीन के साथ युद्ध की स्थिति निर्मित हुई थी। ज्योतिषाचार्य पं. वैदिक के अनुसार दिसंबर 2019 में भी पंचग्रही योग बना था, तब से अब तक देश-दुनिया कोरोना संक्रमण का संकट झेल रही है।
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