हर व्यक्ति अपने भविष्य के बारे में जानना चाहता है। इसके लिए सबसे आसान माध्यम है ज्योतिष। आजकल ज्योतिष के भी कई रूप देखने को मिलते हैं, इनमें से अंक शास्त्र भी एक है। इसमें अंकों के माध्मय से प्रीडिक्शन की जाती है।
अंक ज्योतिष का महत्व वैदिक ज्योतिष से कम नहीं है या यूं कहा जाए कि अंक ज्योतिष वैदिक ज्योतिष का ही नया स्वरूप तो गलत नहीं होगा। अंक ज्योतिष में भी हर अंक का संबंध एक विशेष ग्रह से बताया गया है।
अंक ज्योतिष का इतिहास हजारों साल पुराना है। समय के साथ ये विधा और परिपक्व होती जा रही है। आज दुनिया के हर कोने में इसे जानने और मानने वाले लोग हैं। अंग्रेजी में इसे न्यूमरोलॉजी भी कहते हैं।
अंक ज्योतिष का इतिहास वैसे तो हजारों साल पुराना है, लेकिन वर्तमान में इसका नया स्वरूप देखने को मिल रहा है। अब इसे न्यूमरोलॉजी के नाम से जाना जाने लगा है। इसका मुख्य आधार डेट ऑफ बर्थ यानी जन्म तारीख है।
दुनिया भर में ज्योतिष की अनेक विधाएं हैं, इनमें से अंक ज्योतिष भी एक है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि अंक ज्योतिष में अंकों के माध्मय से भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में जाना जा सकता है।
अंक ज्योतिष का अपना अलग महत्व है। इसका मूल आधार जन्म तारीख यानी डेट ऑफ बर्थ है। अंक शास्त्र में जन्म तारीख के सभी अंकों को जोड़कर एक लकी नंबर निकाला जाता है, जिसे मूलांक कहते हैं।
अंक ज्योतिष का आधार भी ग्रह ही हैं क्योंकि इसमें हर अंक किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और ग्रहों की स्थिति के अनुसार ही इसमें प्रीडिक्शन भी की जाती है। अंक शास्त्र को ही न्यूमरोलॉजी भी कहते हैं।
अंक ज्योतिष से भी आने वाले भविष्य के बारे में काफी कुछ पता लगाया जा सकता है। ये विधा भी बिल्कुल वैदिक ज्योतिष की तरह की काम करती है। इसका मूल आधार जन्म तारीख यानी डेट ऑफ बर्थ है।
अंक ज्योतिष का महत्व ठीक वैसा ही है जैसा वैदिक ज्योतिष का है। अंक ज्योतिष के अनुसार, 1 से लेकर 9 तक हर अंक एक विशेष ग्रह से संबंधित होता है और उसी से प्रभावित होकर फल प्रदान करता है।
अंकों का चलन काफी समय पहले से है क्योंकि हमारे पूर्वजों ने कई सदियों पहले से ही ग्रह और नक्षत्रों की गणना कर ली थी। यही अंक आज भी हमारे लिए बहुत उपयोगी हैं। अंक शास्त्र से भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में जाना जा सकता है।