सार

Karwa Chauth Par Kab Dikhega Chand: कार्तिक मास में कईं बड़े व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें से करवा चौथ भी एक है। ये महिलाओं का सबसे प्रिय त्योहार है, जिसका सभी को बहुत बेसब्री से इंतजार रहता है। 

 

उज्जैन. पति की लंबी आयु के लिए पत्नियां कईं व्रत रखती हैं। इन सभी में करवा चौथ सबसे प्रमुख है। ये व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (Karwa Chauth 2023) तिथि को किया जाता है। ये व्रत निर्जला रूप में किया जाता है यानी इस दिन महिलाएं दिन भर कुछ भी खाती-पीती नहीं है। शाम को चंद्रमा उदय होने के बाद ही महिलाएं अपना व्रत पूर्ण करती हैं। इस व्रत से जुड़ी और भी कईं मान्यताएं और परंपराएं हैं, जो इसे खास बनाती हैं। आगे जानिए इस बार ये व्रत कब किया जाएगा और चंद्रोदय का समय…

कब है करवा चौथ? (Karwa Chauth 2023 Date)
पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर, मंगलवार की रात 09.30 से 1 नवंबर, बुधवार की रात 09.19 तक रहेगी। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, चूंकि चतुर्थी तिथि का सूर्योदय व चंद्रोदय दोनों ही 1 नवंबर को होगा, इसलिए इसी दिन करवा चौथ का व्रत किया जाएगा।

करवा चौथ 2023 पर कब होगा चंद्रोदय? (Karwa Chauth 2023 Moon Rising Time)
करवा चौथ पर महिलाएं दिन भर कुछ भी खाती-पीती नहीं है। शाम को पहले भगवान श्रीगणेश की पूजा और इसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही वे अपना व्रत पूर्ण करती हैं। पंचांग के अनुसार, इस बार करवा चौथ पर यानी 1 नवंबर, बुधवार को चंद्रोदय का समय रात 08:15 रहेगा। अलग-अलग स्थानों पर चंद्रोदय के समय में 5 से 7 मिनिट का अंतर आ सकता है।

करवा चौथ पर क्यों करते हैं चंद्रमा की पूजा? (Karwa Chauth Par Kyo Karte Hai Chand Ki Puja)
करवा चौथ से जुड़ी कईं मान्यताएं और परंपराए हैं, जो इसे और भी खास बनाती है। ऐसी ही एक परंपरा ये भी है कि इस दिन चंद्रमा की पूजा के बाद ही महिलाओं का ये व्रत पूर्ण होता है। इस परंपरा के पीछे ज्योतिष से जुड़ा कारण भी है। ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा मन का कारक है यानी मन में जितने भी विचार आते-जाते हैं इनका कारण चंद्रमा ही होता है। करवा चौथ पर चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में और सबसे प्रिय पत्नी रोहिणी के साथ होता है। इस स्थिति में की गई चंद्रमा की पूजा वैवाहिक जीवन को और अधिक सुखमय बनाती है। इसलिए करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा करने की परंपरा है।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।