वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को परशुराम जयंती का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम का जन्म हुआ था। इस दिन पूरे देश में ये पर्व बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।
29 अप्रैल को शनि ग्रह राशि बदलकर मकर से कुंभ में आ चुका है। शनि ने ढाई साल बाद राशि परिवर्तन किया है और 30 साल बाद कुंभ राशि में प्रवेश किया है। हालांकि इस राशि में शनि ज्यादा समय तक नहीं रहेगा।
वैशाख शुक्ल तृतीया को अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2022) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 3 मई, मंगलवार को है। धर्म ग्रंथों में इस पर्व का विशेष महत्व बताया गया है। ये दिन शुभ कार्यों और खरीदी के लिए बहुत ही खास माना जाता है।
पुराणों में वैशाख मास का विशेष महत्व बताया गया है। इसे माधव मास भी कहते हैं क्योंकि ये महीने भगवान विष्णु को अतिप्रिय है। इस महीने में कई बड़े व्रत किए जाते हैं और त्योहार मनाए जाते हैं।
सूर्य (Surya Grahan 2022) और चंद्रग्रहण खगोलीय घटनाएं हैं, जो समय-समय पर होती रहती हैं। पश्चिमी देशों में इन्हें बहुत सामान्य घटनाएं माना जाता है, लेकिन भारत में ग्रहण को लेकर अनेक मान्यताएं और परंपराएं प्रचलित हैं।
आज 30 अप्रैल, शनिवार को साल का पहला सूर्यग्रहण होने जा रहा है। इसे लेकर सभी के मन में उत्साह है। सभी लोग इस सूर्यग्रहण के बारे में जानना चाह रहे हैं। लोगों के मन में ये उत्सुकता भी है कि ये सूर्यग्रहण किन-किन देशों में दिखाई देगा।
इस बार साल का पहला सूर्यग्रहण (Surya Grahan 2022) 30 अप्रैल, शनिवार को होने जा रहा है। सभी के मन इसको लेकर उत्सुकता है। बहुत से लोग ये जानना चाहते हैं कि सूर्यग्रहण होता कैसे है?
ग्रहों का न्यायाशीध कहा जाने वाला ग्रह शनि 29 अप्रैल, शुक्रवार को राशि बदलकर मकर से कुंभ राशि में प्रवेश कर चुका है। शनि एक राशि में ढाई साल तक रहता है। इसी क्रम में शनि 30 साल बाद कुंभ राशि (Shani in Kumbh Rashi) में आया है।
ज्योतिष शास्त्र में 12 राशियां बताई गई हैं। इन सभी राशि के लोगों का नेचर अलग-अलग होता है। कोई नरम स्वभाव का होता है तो कोई गर्म स्वभाव का। राशि से ही व्यक्ति की लव और पर्सनल लाइफ के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है क्योंकि हर राशि पर किसी एक ग्रह का विशेष प्रभाव होता है।
चंद्र और सूर्यग्रहण खगोलीय घटनाएं हैं जो समय-समय पर होती रहती हैं। विदेशों में इनको लेकर कोई मान्यताएं भले ही न हो, लेकिन भारत में इन घटनाओं को बहुत ही खास माना जाता है। क्योंकि इनसे कई धार्मिक और ज्योतिषिय परपराएं जुड़ी हुई हैं।