Amitabh Budholiya

बीएससी (बायोलॉजी), पोस्ट ग्रेजुएशन हिंदी साहित्य, बीजेएमसी (जर्नलिज्म)। करीब 25 साल का लेखन और पत्रकारिता में अनुभव। एशियानेट हिंदी में जून, 2019 से कार्यरत। दैनिक भास्कर और उसके पहले दैनिक जागरण और अन्य अखबारों में सेवाएं। 5 किताबें प्रकाशित की हैं
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4005 Stories by Amitabh Budholiya

दोस्त के घर पार्टी करने जा रही थी फैमिली, 15 किमी पहले ब्रिज से नीचे जा गिरी कार

Oct 13 2020, 11:34 AM IST

भरूच, गुजरात. जिले के कोलवणा गांव के रहने वाले एक दम्पती की साउथ अफ्रीका के पीटर मेरित्जबर्ग में एक सड़क हादसे में मौत हो गई। वे 10 साल पहले वहां जाकर बस गए थे। हादसे में चमत्कारिक रूप से उनकी 4 साल की बेटी बच गई। हादसे में उनके 2 साल के बेटे की भी मौत हो गई। हादसा भारतीय समयानुसार रविवार रात को उस वक्त हुआ, जब यह परिवार अपने दोस्त के घर पार्टी करने जा रहा था। तभी उनकी कार एक ब्रिज से नीचे जा गिरी थी। दम्पती की मौत की खबर सुनकर उनके गांव में शोक की लहर छा गई। साकिर पटेल अपने गांव से लगातार संपर्क में थे।

अभी तो मैं जवान हूं: 104 की अम्माजी का जोश-जज्बा देखकर जब मोदी हो गए थे नतमस्तक, अब फिर किया जिक्र

Sep 24 2020, 02:03 PM IST

चंडीगढ़, पंजाब. यह हैं भारत की जोशीली बुजुर्ग पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करने वालीं 104 साल की मान कौर। गुरुवार (24 सितंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'फिट इंडिया मूवमेंट' (Fit India Movement) की पहली वर्षगांठ पर 'पीएम ऑनलाइन फिट इंडिया डायलॉग' कार्यक्रम के जरिये देश की तमाम प्रभावशाली हस्तियों से मुलाकात की। इस दौरान अभिनेता और मॉडल मिलिंद सोमन (Actor Milind Soman) से बातचीत के दौरान पंजाब की मान कौर का जिक्र भी हुआ। मोदी ने जब मिलिंद से उनकी उम्र के बारे में पूछ रहे थे, तो मिलिंद ने बताया कि उनकी मां 81 साल की हैं। इसी हंसी-मजाक में मान कौर का जिक्र आया। बता दें कि महिला दिवस (8 मार्च) पर मोदी ने राष्ट्रीय नारी शक्ति सम्मान से नवाजी गई महिलाओं से मुलाकात की थी। इनमें मान कौर भी शामिल थीं। उनका जोश और जज्बा देखकर मोदी ने झुककर प्रणाम किया था। आइए फिट इंडिया मूवमेंट के अवसर पर जानते हैं मान कौर की कहानी...

मूंगा पत्थर सा चमकने वाला दुर्लभ सांप...दीमक के घरों में बनाता है अपना आशियाना

Aug 08 2020, 11:31 AM IST

उत्तराखंड के हल्द्वानी में दुर्लभ प्रजाति का सांप सामने आया है। आम बोलचाल में इसे लाल मूंगा खुखरी कहते हैं। पहली बार यह 1936 में यूपी के लखीमपुर-खीरी में मिला था। इसका वैज्ञानिक नाम ओलिगोडॉन खीरीएनसिस रखा गया था। यह असम और नेपाल में भी देखने को मिला था। यह सांप लाल मूंगे की तरह चमकता है। इससे पहले यह 2010 में नेपाल के चितवन नेशनल पार्क में मिला था। 2011 में यह असम में मिला था। इसके बाद अक्टूबर 2014 में खटीमा के सुरई रेंज में सड़क पर किसी वाहन से कुचला हुआ मिला था। अभी तक इस पर कोई खास रिसर्च नहीं हो सकी है।

लॉकडाउन ने बिजनेसमैन को कहीं का नहीं छोड़ा..तो उसने पूरी फैमिली को खत्म करके लगा ली फांसी

Jul 15 2020, 11:09 AM IST

सोलापुर, महाराष्ट्र. लॉकडाउन के कारण काम-धंधों पर बुरा असर पड़ा है। अच्छे-भले परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा होने से वे टूटने लगे हैं। यहां 37 वर्षीय एक शख्स ने कर्ज से परेशान होकर अपनी पत्नी और दो बच्चों की हत्या के बाद फांसी लगा ली। घटना सोमवार देर रात की है। फौजदार चावड़ी पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर संजय सालुंखे ने बताया कि अमोल जगताप होटल चलाता था। लेकिन लॉकडाउन के कारण वो बंद है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि अमोल के ऊपर बैंक का मोटा कर्जा था। जांच के दौरान पुलिस को घटनास्थल से हाथ से लिखा एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें भी कर्ज से परेशानी की बात कही गई है। फिर भी पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है। सबका गला दबाया...


 

जाबांज बेटे की शहादत पर रो पड़ी मां, लेकिन कहती रही कि उसका लाल बहादुर था, उसे अपने बेटे पर गर्व रहेगा

Jun 19 2020, 05:33 PM IST

रांची, झारखंड.  लद्दाख की गलवान घाटी ( India China dispute) में शहीद हुए भारत के 20 जवानों में 2 झारखंड के थे। शुक्रवार को दोनों का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान हजारों लोग मौजूद थे। बता दें कि कुंदन कुमार ओझा साहिबगंज के रहने वाले थे, जबकि गणेश हांसदा पूर्व सिंहभूम जिले के बहरागोड़ा ब्लॉक के कषाफलिया गांव के। शहीद कुंदन का अंतिम संस्कार साहिबगंज में गंगा स्थित मुनीलाल घाट पर किया गया। वहीं, शहीद गणेश को उनके गांव में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। दोनों को उनके छोटे भाइयों ने मुखाग्नि दी। इस दौरान शहीदों के मां- पिता का बुरा हाल था। लेकिन वे बार-बार अपने बेटे के बहादुरी पर गर्व भी करते रहे। पढ़िए दोनों की कहानी..

शक्ल देखकर नहीं होता कोरोना..मुंबई से ये भी संक्रमित होकर लौटे हैं, पहचानिए कौन?

Jun 13 2020, 05:50 PM IST

चंडीगढ़. कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए सावधानी रखें। क्योंकि कोरोना जात-पात, उम्र या शक्ल नहीं देखता। यह हैं सचिन तेंदुलकर के हमशक्ल बलवीर चंद। ये पिछले 25 सालों से सचिन के हमशक्ल के तौर पर पहचाने जाते हैं। मास्टर ब्लास्टर के हमशक्ल होने का इन्हें बहुत फायदा मिला। पैसा मिला..काम मिला। लेकिन कोरोना ने कोई लिहाज नहीं किया। पंजाब के नवांशहर जिले में पिछले दिनों 5 नए मरीज सामने आए हैं। इनमें एक सोना गांव, जबकि 4 साहलों गांव से है। साहलों के रहने वाले बलवीर चंद भी सक्रमित निकले हैं। वे मुंबई से लौटे हैं। बता दें कि पंजाब में अब तक 2,986 मरीज सामने आ चुके हैं। इनमें से 63 की मौत हो चुकी है। हालांकि 2,282 ठीक हो चुके हैं।

हर तस्वीर एक हौसला है, ये दुनिया के सबसे ताकतवर लोग हैं, आपको इनमें क्या दिखता है?

Jun 08 2020, 02:42 PM IST

दिल्ली. कोरोना संक्रमण ने सारी दुनिया के हालात खराब किए हैं। क्या अमीर-गरीब और क्या बड़े-बूढ़े..सब इसकी चपेट में आए। संक्रमण को काबू में लगाए गए लॉकडाउन के बाद देश में अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिले। काम-धंधा बंद होने से लाखों प्रवासी मजदूर और उनके परिवार निराश होकर अपने-अपने घरों को लौट पड़े। यातायात की सुविधाएं बंद होने से हजारों लोगों को पैदल ही अपने घरों की ओर जाते देखा गया। इनमें गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, मासूम बच्चे, बीमार लोग भी शामिल थे। इनकी तमाम तस्वीरें मीडिया में सामने आईं। लेकिन इसी भीड़ में कदम से कदम मिलाकर चल रहे थे दिव्यांग लोग भी। कुछ बैसाखियों या छड़ी के सहारे, तो कुछ ट्राइसाइकिल पर। कुछ पैरों से लाचार थे, तो कुछ हाथों से। कुछ देख नहीं सकते थे, तो कई अन्य शारीरिक कमजोरियों का शिकार। लेकिन उनके हौसले नहीं डिगे। वे चलते रहे। ये तस्वीरें बेशक भावुक करती हैं, लेकिन यह भी दिखाती हैं कि इंसान से बड़ी ताकत दुनिया में कोई नहीं। ये तस्वीरें हम सबको सबक देती हैं कि मुसीबतों से डरे नहीं, लड़ें...