Vinayak Chaturthi July 2023: 21 जुलाई को सावन अधिक मास की विनायकी चतुर्थी है। इसके पहले सावन का अधिक मास साल 2004 में बना था यानी 19 साल पहले। तब भी सावन का अधिक मास था। इस मौके पर यदि कुछ खास उपाय किए जाएं तो श्रीगणेश भगवान की कृपा बनी रहती है।
अंक ज्योतिष का महत्व भी अन्य ज्योतिष विधाओं जितना ही है। इस विधा के अंतर्गत जन्म तारीख के अंकों को जोड़कर एक विशेष अंक निकाला जाता है, जिसे मूलांक या लकी नंबर कहते हैं। अंग्रेजी में अंक ज्योतिष को ही न्यूमरोलॉजी कहते हैं।
21 जुलाई को पहले मघा नक्षत्र होने से काण नाम का अशुभ योग और इसके बाद पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से सिद्धि नाम का शुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन व्यातीपात और वरियान नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल सुबह 10:54 से दोपहर 12:33 तक रहेगा।
21 जुलाई, शुक्रवार को मघा नक्षत्र होने से काण नाम का अशुभ योग और पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से सिद्धि नाम का शुभ योग बनेगा। इनके अलावा इस दिन व्यातीपात और वरियान नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। ज्योतिषाचार्य चिराग बेजान दारूवाला से जानें राशिफल…
Vinayak Chaturthi 2023: इस बार 21 जुलाई, शुक्रवार को सावन अधिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन विनायकी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। इस दिन कई शुभ योग भी बनेंगे, जिसके चलते इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है।
Sawan 3rd Somvar 2023: इन दिनों सावन का अधिक मास चल रहा है। 24 जुलाई को सावन का तीसरा सोमवार रहेगा। इस दिन कई शुभ योग बनेंगे, जिसके चलते ये दिन बहुत ही खास हो गया है। इस शुभ योग में किए गए उपायों का फल कई गुना होकर मिलेगा।
muharram 2023 start date in india: इस्लाम में हिजरी कैलेंडर की मान्यता है। इस महीने का पहला महीना मुहर्रम है, जो इस बार 20 जुलाई, गुरुवार से शुरू हो रहा है। इस महीने के पहले 10 दिनों में हजरत हुसैन की शहादत को याद किया जाता है।
Bhooto Wala Mandir: हमारे देश में भगवान शिव के अनेक मंदिर हैं। इनमें से कई के साथ विचित्र मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। ऐसा ही एक मंदिर हैं उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर के दातियाना गांव में। इसे भूतों वाला मंदिर कहा जाता है।
Adhik Maas 2023: सावन का अधिक मास 18 जुलाई से शुरू हो चुका है, जो 16 अगस्त तक रहेगा। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं क्योंकि इस महीने के स्वामी भगवान विष्णु हैं। इस महीने में कुछ खास करने से शुभ फल मिलते हैं, वहीं कुछ काम करने से बचना चाहिए।
अंकों का आविष्कार सालों पहले हो चुका था। बाद में इन अंकों को ज्योतिष से जोड़ा गया है और अंक शास्त्र का निर्माण हुआ। यही अंक शास्त्र वर्तमान में न्यूमरोलॉजी के नाम से जाना जाता है। इसके जरिए हम भविष्य की संभावित घटनाओं के बारे में जा सकते हैं।