BYD सेल्स के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी ईवी कंपनी है। भारत में पहले से मेघा इंजीनियरिंग की एक कंपनी ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक को यह कंपनी टेक्निकल सपोर्ट दे रही है। ओलेक्ट्रा इलेक्ट्रिक बस बनाने का काम करती है।
ऑटो ड्राइवर श्रीकांत पात्रा ने बताया कि, ‘उसका ऑटो अब इलेक्ट्रिक नहीं धूप से चार्ज होता है। एक बार फुल चार्ज होने पर 140 किलोमीटर तक चलता है। इसमें बैठना भी काफी आरामदायक है। अब मैं हर दिन 1300-1500 रुपए कमा रहा हूं।’
इंसान अगर दिमाग लगाए तो क्या कुछ नहीं कर सकता है। अब इस शख्स को ही देख लीजिए, इसने घर पर पड़ी खटिया को अपनी गाड़ी बना लिया। ऐसी गाड़ी जो पेट्रोल से चलती है और कहीं भी पहुंचा देती है। इस देसी इनोवेशन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
पहली बार मार्च 2022 में टोयोटा हिलक्स की बिक्री शुरू हुई थी। तब से अब तक करीब 1,300 यूनिट्स कंपनी बेच चुकी है। इस गाड़ी का मुकाबला इसुजु वी-क्रॉस से होता है। अब इस गाड़ी पर करीब 8 लाख रुपए तक का भारी-भरकम छूट मिल रहा है।
ऑटो डेस्क : देश के कई दिग्गज बिजनेसमैन की बेटियां पिता के कारोबार को विस्तार दे रही हैं। चाहे विक्रम किर्लोस्कर की बेटी मानसी किर्लोस्कर हो या वेणु श्रीनिवासन की बेटी डॉ. लक्ष्मी वेणु। फादर्स डे पर पढ़िए पिता की लाडली बेटियों की कहानी...
पिछले साल 2022 में फॉक्सकॉन के प्रेसिडेंट यंग लियू भारत के दौरे पर आए थे। इस यात्रा के बाद पीएम मोदी ने फॉक्सकॉन के ईवी प्रोडक्शन की तारीफ की थी। बता दें कि एप्पल के आधे से ज्यादा प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग फॉक्सकॉन ही करती है।
आज बड़ी आबादी ट्रैफिक स्ट्रेस सिंड्रोम का शिकार है। अक्सर ज्यादा देर तक ट्रैफिक में रहने से फिजिकल और मेंटल दोनों तरह की हेल्थ प्रभावित हो रही है। इसकी वजह से कई तरह की समस्याएं बढ़ रही हैं, जिसका असर भी शरीर पर देखने को मिलता है।
ऑटो डेस्क : क्या आप भी सड़कों पर कुछ भी पहनकर निकल लेते हैं? शायद आपको पता नहीं कि सड़क पर निकलने से पहले कपड़ों के कलर पर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि कुछ कलर ड्राइवर पहचान नहीं पाते और एक्सीडेंट का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं…
गाड़ी का टायर पंचर हो जाए या बीच रास्ते में फ्यूल खत्म हो जाए या फिर रास्ते में मेडिकल इमरजेंसी की स्थित आ जाए तो आप टोल रसीद की मदद से कम समय में मदद पा सकते हैं। इसलिए टोल रसीद फेंकने की बजाय उसे संभाल कर रखें।
उल्टी या चक्कर के डर से बहुत से लोग सफर करना पसंद नहीं करते हैं। चाहकर भी वे कार या बस से सफर करने से बचते हैं। बंद गाड़ी में बैठते ही उन्हें उल्टी जैसा लगने लगता है। ऐसे में सफर पर निकलना भी किरकिरा हो जाता है।