नई दिल्ली. बजट में सबको थोड़ा-बहुत मिलता है, लेकिन 'शराब' एक ऐसी चीज है, जिस पर टैक्स या सेस बढ़ता ही रहता है। इसका एक फायदा और एक नुकसान है। फायदा सरकार को अधिक पैसा मिलता है। नुकसान नकली-सस्ती और अवैध शराब की खपत बढ़ जाती है। यह अलग बात है कि शराबियों का बजट कितना भी बिगड़े, वे विरोध नहीं करते। खैर, केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2021 के बजट में अल्कोहल पर 100 प्रतिशत कृषि सेस लगाया है। यानी शराबियों से टैक्स वसूलकर किसानों के खाते में जाएगा। यह अच्छी बात है, लेकिन यह भी एक सच है कि देश में कुल 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। इनमें से बिहार, गुजरात, मिजोरम, मणिपुर, लक्षद्वीप और नगालैंड में शराब बंदी है। बाकी जो राज्य बचते हैं, वहां हर साल 600 लीटर शराब पी ली जाती है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देश का एक तिहाई पुरुष शराब पीता है। जिन प्रदेशों में शराबंदी है, वहां अवैध शराब बिकती है। जहां महंगी है, वहां भी। हाल में मप्र में नकली शराब पीने से 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। आगे पढ़ते हैं शराब से जुड़े कुछ फैक्ट्स....