सार
Telecom Tycoon Success Story : साइकिल के पार्ट्स बेचने से बिजनेस टाइकून बनने की एक शख्स की कहानी काफी दिलचस्प है। पिता से उधार लेकर करियर की शुरुआत कर आज 22.5 अरब का साम्राज्य खड़ा कर दिया है।
Business Tycoon Success Story : अगर आपके पास हुनर है और आप मेहनत करने से पीछे नहीं हट रहे तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है। एक बिजनेस टाइकून की कहानी भी बिल्कुल ऐसी ही है। कभी साइकिल के पार्ट्स बेचने वाला शख्स आज 22.5 अरब का मालिक है। यह कहानी किसी और की नहीं बल्कि टेलीकॉम टाइकून और भारतीय एयरटेल (Bharti Airtel) के मालिक सुनील भारती मित्तल (Sunil Bharti Mittal) की है। पिता से उधार लेकर बिजनेस शुरू करने वाले सुनील मित्तल की सक्सेस स्टोरी काफी दिलचस्प है।
Sunil Mittal : पिता से उधार लेकर बिजनेस की शुरुआत
सुनील मित्तल का जन्म 23 अक्टूबर 1957 को लुधियाना में एक पंजाबी फैमिली में हुआ था। पिता सतपाल मित्तल कांग्रेस (Congress) से दो बार सांसद रहे। सुनील मित्तल की स्कूलिंग मसूरी के बिनबर्ग स्कूल से हुई। ग्वालियर के सिंधिया स्कूल और पंजाब यूनिवर्सिटी से आगे की पढ़ाई की। उनकी दिलचस्पी पिता की तरह पॉलिटिक्स करने की नहीं बल्कि बिजनेस करने का था। इसके लिए उन्होंने पिता से 20,000 रुपए उधार लिए और साइकिल पार्ट्स का काम करने लगे।
साइकिल पार्ट्स बेचने से टेलीकॉम टाइकून
सुनील मित्तल ने 18 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत की। सबसे पहले उन्होंने अपने दोस्त के साथ मिलकर ब्रजमोहन मुंजाल की हीरो साइकिल (Hero Cycle) कंपनी के लिए पार्ट्स बनाने शुरू किए। तीन साल के अंदर ही तीन यूनिट्स खड़ी कर दी। इस बिजनेस में मुनाफा हुआ और उन्होंने साइकिल का कारोबार बेचकर इलेक्ट्रिक पावर जनरेटर का काम करना शुरू कर दिया। लेकिन उन्हें तब बड़ा झटका लगा जब सरकार ने 1983 में जेनरेटर निर्यात पर रोक लगा दी। लेकिन सुनील ने हार नहीं मानी और अपना काम करते रहे।
टेलीकॉम सेक्टर में एंट्री
एक इंटरव्यू में सुनील मित्तल ने बताया था कि जब जेनरेटर का बिजनेस बंद हो गया तो वे ताइवान गए थे। जहां उनकी नजर पुश बटन वाले मोबाइल पर पड़ी। जिसके बाद उन्होंने बीटल नाम से टेलीफोन और फैक्स मशीन की मार्केटिंग शुरू कर दी। फिर उन्होंने सीमैन्स के साथ कॉन्ट्रैक्ट कर भारती टेलीकॉम कंपनी शुरू की, जो आज भारतीय एयरटेल के नाम से जानी जाती है और देश की टॉप टेलीकॉम कंपनी में आती है।
Airtel टॉप टेलीकॉम कंपनी बनी
साल 1992 सरकार पहली बार मोबाइल फोन सर्विसेस के लिए लाइसेंस दे रही थी। तभी सुनील मित्तल ने भी सेलुलर सर्कल का लाइसेंस पाया। इसके बाद 1995 में उन्ने भारती सेलुलर लिमिटेड (BCL) की शुरुआत की। यहीं से एयरटेल आया। 2008 तक कंपनी के कस्टमर्स की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई यह कंपनी दुनिया की टॉप टेलीकॉम कंपनियों में शामिल हो गई।
सुनील मित्तल की नेटवर्थ कितनी है
भारती एयरटेल का कारोबार 17 देशों में है। 49 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं। कंपनी में सुनील मित्तल की हिस्सेदारी 25% है। इसके अलावा भारती एंटरप्राइजेज और दूसरी होल्डिंग कंपनियों में भी पार्टनरशिप है। आज वह 22.5 अरब के मालिक (Sunil Mittal Net Worth) हैं।