सार

बजट 2025 में भारत ने विदेशी सहायता के लिए ₹5,483 करोड़ आवंटित किए हैं। भूटान को सबसे ज़्यादा मदद मिली है, जबकि अफ़ग़ानिस्तान की मदद में कटौती हुई है। पड़ोसी देशों के अलावा, आपदा राहत और सांस्कृतिक संबंधों को भी बढ़ावा दिया गया है।

Budget 2025: भारत ने Union Budget 2025 में विदेशी सहायता (Foreign Aid) के लिए ₹5,483 करोड़ का आवंटन किया है, जो पिछले साल के ₹4,883 करोड़ से अधिक है। इस बार भी Neighbourhood First Policy को प्राथमिकता देते हुए ₹4,320 करोड़ सीधे पड़ोसी देशों के लिए निर्धारित किए गए हैं। यह राशि Hydropower Projects, Road Infrastructure, Housing, Bridges और Check-Posts जैसे अहम क्षेत्रों में निवेश की जाएगी। भारत की Foreign Policy अब न सिर्फ आर्थिक सहायता बल्कि Strategic Influence और Soft Power को भी प्राथमिकता दे रही है। Budget में भारत ने अपनी Neighbourhood First Policy के तहत Bhutan, Maldives, Sri Lanka, Nepal और Myanmar जैसे देशों को प्राथमिकता दी है। साथ ही Chabahar Port और Disaster Relief को बढ़ावा देकर अपनी Global Leadership को मजबूत किया है।

भूटान को सबसे अधिक मदद

भारत का सबसे बड़ा विदेशी सहायता प्राप्तकर्ता भूटान बना हुआ है। इस साल भूटान को ₹2,150 करोड़ की सहायता दी गई है, जो पिछले साल के ₹2,068 करोड़ से अधिक है। यह राशि Hydroelectric Projects, Infrastructure Development और Economic Cooperation के लिए इस्तेमाल होगी।

Maldives को भारत की ओर से बड़ी राहत

हाल ही में भारत और मालदीव के रिश्तों में तनाव आया था, जब राष्ट्रपति Mohamed Muizzu ने Pro-China Policy अपनाई थी। लेकिन अब Diplomatic Reset की कोशिशों के बीच भारत ने मालदीव के लिए सहायता ₹400 करोड़ से बढ़ाकर ₹600 करोड़ कर दी है। जनवरी 2024 में भारत ने मालदीव से अपने सैन्य जवान वापस बुला लिए थे, लेकिन अब दोनों देशों के बीच Defence और Strategic Cooperation को फिर से मजबूत करने की कोशिश हो रही है।

अफगानिस्तान की मदद में कटौती

अफगानिस्तान को दी जाने वाली सहायता ₹200 करोड़ से घटाकर ₹100 करोड़ कर दी गई है। यह दो साल पहले के ₹207 करोड़ से काफी कम है। भारत ने अब तक Taliban Government को आधिकारिक मान्यता नहीं दी है, लेकिन Humanitarian Aid और Economic Ties जारी हैं। Dubai में Vikram Misri और तालिबान अधिकारियों की मुलाकात से संकेत मिलता है कि भारत, अफगानिस्तान के साथ व्यापार और Chabahar Port को लेकर संवाद जारी रखेगा।

Myanmar को ज्यादा फंड, Border Security सख्त

म्यांमार को दी जाने वाली सहायता ₹250 करोड़ से बढ़ाकर ₹350 करोड़ कर दी गई है। भारत की Northeast Border Security के मद्देनजर, सरकार ने Free Movement Regime (FMR) को 16 किमी से घटाकर 10 किमी कर दिया है।

Budget में अन्य महत्वपूर्ण आवंटन

  • नेपाल: ₹700 करोड़ (पिछले साल की तरह बरकरार)।
  • श्रीलंका: ₹245 करोड़ से बढ़कर ₹300 करोड़।
  • बांग्लादेश: ₹120 करोड़ (Sheikh Hasina के भारत में शरण लेने के बाद कूटनीतिक तनाव जारी)।
  • अफ्रीकी देश: ₹200 करोड़ से बढ़कर ₹225 करोड़।
  • लैटिन अमेरिका: ₹30 करोड़ से बढ़कर ₹60 करोड़।
  • चाबहार पोर्ट (ईरान): ₹100 करोड़।
  • Disaster Relief: ₹10 करोड़ से बढ़कर ₹64 करोड़ (Turkey Earthquake और South Asian Flood Relief के लिए भारत की तत्परता को दर्शाता है)।

भारत की Soft Power Diplomacy भी होगी मजबूत

  • Indian Council for Cultural Relations (ICCR) के लिए ₹351 करोड़ (पिछले साल के ₹331 करोड़ से अधिक)।
  • International Training Programs के लिए ₹1,247 करोड़ का आवंटन।

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