सार
मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने भारत की रेटिंग को बढ़ाकर 'overweight' कर दिया है। इसने चीन की रेटिंग घटाकर equal-weight किया है।
नई दिल्ली। दुनिया कोरोना महामारी और इसके बाद रूस-यूक्रेन युद्ध से पैदा हुई मुसीबत का सामना कर रही है। फूड और ऊर्जा संकट से अधिकतर देशों की आर्थिक स्थिति को खराब किया है। इस कठिन वक्त में भी भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। दुनियाभर की रेटिंग एजेंसियां इस बात को नोटिस कर रहीं हैं।
इसी क्रम में प्रमुख वैश्विक ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने प्रमुख एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के लिए अपनी रेटिंग में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। फर्म ने कहा है कि भारत का तेजी से विकास होगा। इसने भारत की रेटिंग को बढ़ाकर ओवरवेट (overweight) कर दिया है। इसके साथ ही मॉर्गन स्टेनली ने चीन को बैड न्यूज देते हुए उसकी रेडिंग को डाउनग्रेड कर दिया है। चीन की रेटिंग को घटाकर कंपनी ने 'इक्वल-वेट' कर दिया है। यह बदलाव वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में भारत और चीन की संभावनाओं के बारे में मॉर्गन स्टेनली के आकलन को दर्शाता है।
भारत की रेटिंग बढ़ाने के पीछे मॉर्गन स्टेनली ने कई कारण बताए हैं। भारत में आर्थिक सुधार किए जा रहे हैं, जिसके नतीजे भी आ रहे हैं। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है। विदेशी निवेश लगातार बढ़ रहा है। भारत की युवा आबादी देश की आर्थिक उन्नती को गति दे रही है।
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संघर्ष कर रही चीन की अर्थव्यवस्था
कोरोना महामारी के असर से चीन की अर्थव्यवस्था अभी तक उबर नहीं पाई है। अर्थव्यवस्था संघर्ष कर रही है। इसके चलते मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषकों ने चीन की रेडिंग को डाउनग्रेड किया है। मॉर्गन स्टेनली ने सुझाव दिया है कि सरकारी प्रोत्साहन पैकेजों से हाल में तेजी हुई है। इससे निवेशकों को मुनाफा कमाना चाहिए, लेकिन उन्हें सतर्क भी रहना चाहिए।
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