सार
शुक्रवार को क्रूड आॅयल (Crude Oil Price) 111 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चढ़ गया। जानकारों की मानें तो पश्चिमी देशों की आेर से रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों (Sanctions on Russia) वजह से रूसी तेल एक्सपोर्ट बाधित हो सकती है।
बिजनेस डेस्क। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assemblly Election 2022) के मद्देनजर पिछले चार महीने से पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol Diesel Freeze) नहीं बढ़ाए गए हैं। हालांकि, आॅयल मार्केटिंग कंपनीज क्रूड आॅयल की कीमतों (Crude Oil Price) का दर्द झेल रही हैं और रूस-यूक्रेन संघर्ष (Russia-Ukraine Conflict) के बीच मार्केटिंग मार्जिन पर भारी असर पड़ा है। शुक्रवार को क्रूड आॅयल 111 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चढ़ गया। जानकारों की मानें तो पश्चिमी देशों की आेर से रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों (Sanctions on Russia) वजह से रूसी तेल एक्सपोर्ट बाधित हो सकती है।
क्रूड आॅयल की कीमत में तेजी
तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) की जानकारी के अनुसार, भारत में कच्चे तेल की खरीदारी 3 मार्च को बढ़कर 117.39 डॉलर प्रति बैरल हो गई, जो 2012 के बाद से सबसे अधिक है। यह पिछले साल नवंबर की शुरुआत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में ठंड के समय कच्चे तेल की भारतीय टोकरी के औसत 81.5 डॉलर प्रति बैरल की तुलना में है। मौजूदा समय में ब्रेंट क्रूड 114.23 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 112.84 के उच्च लेवल तक पहुंच गया है। जबकि एक दिन पहले ब्रेंट क्रूड आॅयल के दाम 120 डाॅलर प्रति डाॅलर कके लेवल पर पहुंच गए थे।
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16 मार्च तक 12 रुपए से ज्यादा हो सकता है इजाफा
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के अनुसार, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 16 मार्च तक 12 रुपए प्रति लीटर से अधिक की वृद्धि देखने को मिल सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़े पैमाने पर कीमतों में बढ़ोतरी की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है, "ऑटो फ्यूल नेट मार्केटिंग मार्जिन फरवरी में माइनस 1.54 रुपए प्रति लीटर बनाम जनवरी में 5.09 रुपए प्रति लीटर और Q3FY22 में 3.97 रुपए प्रति लीटर पर लाल हो गया। ओएमसी को 16 मार्च को या उससे पहले 12.1 रुपए प्रति लीटर की भारी कीमत वृद्धि की जरूरत है और 16 मार्च को शुद्ध मार्जिन 2.5 रुपए प्रति लीटर होने के लिए 15 रुपए प्रति लीटर की कीमत वृद्धि की आवश्यकता है।
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जेपी ने लगाया था अनुमान
जेपी मॉर्गन ने एक अन्य रिपोर्ट में कहा कि उसे उम्मीद है कि पेट्रोल और डीजल दोनों में दैनिक ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी फिर से शुरू होगी। अगले सप्ताह राज्य के चुनाव खत्म होने के साथ, हम उम्मीद करते हैं कि पेट्रोल और डीजल दोनों में ईंधन की कीमतों में दैनिक वृद्धि फिर से शुरू हो जाएगी। उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए सातवें और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को है और वोटों की गिनती 10 मार्च को होनी है।
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रूस आैर भारत का फ्यूल कनेक्शन
रूस यूरोप की प्राकृतिक गैस का एक तिहाई और वैश्विक तेल उत्पादन का लगभग 10 फीसदी प्रोड्यूस करता है। यूरोप को लगभग एक तिहाई रूसी गैस आपूर्ति आमतौर पर यूक्रेन को पार करने वाली पाइपलाइनों के माध्यम से यात्रा करती है। लेकिन भारत के लिए, रूसी आपूर्ति का प्रतिशत बहुत कम है। जबकि भारत ने 2021 में रूस से प्रति दिन 43,400 बैरल तेल का आयात किया (इसके कुल आयात का लगभग 1 प्रतिशत), 2021 में रूस से 1.8 मिलियन टन कोयले का आयात सभी कोयला आयातों का 1.3 फीसदी था। भारत रूस के गजप्रोम से सालाना 25 लाख टन एलएनजी भी खरीदता है।
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120 दिन से नहीं बदले दाम
हालांकि इस समय आपूर्ति भारत के लिए थोड़ी चिंता का विषय है, लेकिन यह कीमतें हैं जो चिंता का कारण हैं। घरेलू ईंधन की कीमतें - जो सीधे अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों से जुड़ी हैं क्योंकि भारत अपनी तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत आयात करता है - को लगातार 120 दिनों तक कोर्इ बदलाव नहीं किया है। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 95.41 रुपये प्रति लीटर है और डीजल की कीमत 86.67 रुपये है। यह कीमत राज्य सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में कटौती और वैट दर में कमी के बाद है।