MBA vs real world Consulting: IIM से निकलने के बाद रुचि को लगा सब आसान होगा, पर पहली नौकरी में ही समझ आया कि असली दुनिया में 'एकदम क्लियर जवाब' चाहिए, 'सॉल्यूशन की लिस्ट' नहीं। रुचि अग्रवाल की LinkedIn story।
MBA Degree Not Enough: IIM Ahmedabad से मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी करने के बाद रुचि अग्रवाल को लगता था कि अब वो किसी भी बड़ी कंपनी में शानदार परफॉर्म कर पाएंगी। लेकिन जब उन्होंने एक ग्लोबल कंसल्टिंग फर्म में अपना करियर शुरू किया, तो हकीकत कुछ और ही निकली। अपनी पहली ही प्रेजेंटेशन में उन्हें बड़ा झटका लगा। रुचि की पहली क्लाइंट मीटिंग थी। उन्होंने पूरी तैयारी की थी। 15 अलग-अलग सुझाव तैयार किए थे। उन्हें लगा था कि जितने ज्यादा ऑप्शन होंगे, उतनी स्मार्ट लगेंगी। लेकिन तभी फर्म के पार्टनर ने एक लाइन में कहा "बस एक चीज बताओ, जो हमें करनी चाहिए।" रुचि एकदम चुप हो गईं। उन्हें एहसास हुआ कि रियल वर्ल्ड में टॉप लीडर्स को "सॉल्यूशन्स की लिस्ट" नहीं, बल्कि "सिर्फ एक क्लियर जवाब" चाहिए होता है। वो एक पल रुचि के लिए आंखें खोल देने वाला था।
MBA की क्लास में ये बात नहीं सिखाई गई थी (MBA Degree not enough)
IIM Ahmedabad जैसी नामी संस्था में रुचि ने सीख लिया था कि किसी भी समस्या को कितने अलग-अलग एंगल से देखा जाए। लेकिन उन्होंने अब जाना कि कॉर्पोरेट वर्ल्ड में टॉप लेवल एग्जीक्यूटिव को लंबे मेन्यू की जरूरत नहीं होती। उन्हें चाहिए होता है एकदम क्लियर, डायरेक्ट और एक्शन बेस्ड जवाब।
Executive Filter: जो क्लासरूम में नहीं, लेकिन फील्ड में जरूरी है (MBA vs real world consulting)
रुचि ने अपने अनुभव से सीखा कि प्रोफेशनल दुनिया में कामयाब होने के लिए "एग्जीक्यूटिव फिल्टर" जरूरी है। यानी ढेर सारी जानकारी में से सबसे जरूरी बात छांटकर साफ तरीके से कहना। उन्होंने लिखा "IIM में सवाल था- तुम कितना जानते हो? लेकिन ऑफिस में सवाल बदल गया तुम कितना साफ और सटीक कह सकते हो?"
असली स्किल: सॉल्यूशंस को सादा और असरदार बनाना (Real corporate lessons after IIM)
रुचि के मुताबिक, सफलता इस बात में नहीं है कि आपके पास कितने आइडिया हैं, बल्कि इस बात में है कि आप सबसे सही आइडिया को कैसे, कितनी सादगी और आत्मविश्वास से पेश करते हैं। उनकी इस पोस्ट पर MBA प्रोफेशनल्स ने खूब प्रतिक्रिया दी। किसी ने कहा- मैंने भी यही गलती की थी। सफलता सिर्फ सही जवाब देने से नहीं, सही जवाब को सही तरीके से कहने से मिलती है।
