सार

नीट मामले में चल रही सुप्रीम कोर्ट सुनवाई में CJI ने याचिका दायर करने वाले वकील, एनटीए से कई प्रश्न पूछे हैं। CJI ने कहा कि लीक के कारण कितने छात्रों के परिणाम रोके गए हैं? छात्र कहां हैं? उन्होंने कहा कि परीक्षा रद्द करना ही एक मात्र उपाय है।

NEET UG 2024 supreme court hearing: नीट मामले में 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई  में CJI ने याचिका दायर करने वाले वकील, एनटीए से कई प्रश्न पूछे। CJI ने कहा कि लीक के कारण कितने छात्रों के रिजल्ट रोके गए हैं? ये छात्र कहां हैं? कई प्रश्नों पर दलील सुनने के साथ ही उन्होंने कहा कि परीक्षा रद्द करना ही एक मात्र उपाय है। उन्होंने कहा कि 23 जून को 1563 छात्रों की दोबारा परीक्षा हो चुकी है। क्या हम अभी भी गलत काम करने वालों की तलाश कर रहे हैं। क्या हम उन छात्रों का पता लगा पा रहे हैं जो पेपर लीक लाभार्थी रहे? मामले से बहुत से छात्रों का भविष्य जुड़ा हुआ है ऐसे में परीक्षा रद्द करना अंतिम उपाय होना चाहिए। CJI ने नीट मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि यह प्रतिकूल मुकदमा नहीं है, क्योंकि हम जो भी निर्णय लेंगे, वह छात्रों की जिंदगी पर असर डालेगा। उन्होंने अगली सुनवाई की तारीख 11 जुलाई दी है याचिकाकर्ताओं के वकीलों से जवाब मांगा है कि परीक्षा क्यों रद्द होनी चाहिए। वहीं केंद्र से तारीखों की पूरी लिस्ट मांगी है।

CJI ने पूछा क्या माना जाए कि पेपर लीक हुआ है?

इससे पहले CJI ने पूछा कि क्या यह बात मान लिया जाये कि पेपर लीक हुआ है। इस प्रश्न के जवाब में NTA की ओर से कहा गया कि पटना में कथित पेपर लीक का मामला आया है। लाभार्थियों को गिरफ्तार भी किया गया है। वहीं याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बिहार पुलिस का कहना है कि NTA ने मानक एसओपी का पालन नहीं किया है। गलती सिस्टम के लेवल पर हुई है और बड़ी गलती है। वहीं एनटीए ने कहा कि अभी हम यह नहीं कह सकते कि गलती सिस्टम लेवल पर है या नहीं और पूरे घोटाले का दायरा क्या है? इस पर जांच चल रही है और सख्त कदम उठाये जा रहे हैं।

अगली सुनवाई 11 जुलाई गुरुवार को, केंद्र से मांगी तारीखों की पूरी लिस्ट

सीजेआई ने कहा है कि अगली सुनवाई गुरुवार, 11 जुलाई को होगी। उन्होंने कहा है कि बुधवार को सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से पेश सभी वकील इस बात पर अपनी दलीलें पेश करेंगे कि दोबारा परीक्षा क्यों होनी चाहिए। वहीं केंद्र तारीखों की पूरी लिस्ट भी देगा। सीबीआई भी मामले में अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगी।

वरिष्ठ अधिवक्ता नरिंदर हुड्डा सुप्रीम कोर्ट को दी नीट मामले की डिटेल

सुप्रीम कोर्ट में नीट सुनवाई शुरू होने पर वरिष्ठ अधिवक्ता नरिंदर हुड्डा कोर्ट को नीट मामले की पूरी डिटेल बताई। कहा NEET 2024 पेपर लीक होने के कई मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि हम नीट परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं। नीट यूजी परीक्षा 2024 के लिए 9 फरवरी को ऑनलाइन आवेदन शुरू किये गये थे और रिजल्ट 4 जून जारी किया गया था। परीक्षा 5 मई को हुई थी लेकिन 4 मई को टेलीग्राम पर नीट क्वेश्चन पेपर और आंसर अपलोड कर दिये गये थे। उसके बाद भी नीट परीक्षा 5 मई को हुई। 3 मई को एक प्राइवेट कॉलेज के कुछ घोटालेबाजों ने परीक्षा के पेपर लीक किये थे। उन्होंने यह भी कहा कि  पटना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। ये आश्चर्यजनक है कि इस साल 67 कैंडिडेट को 100% मार्क्स मिले।

CJI ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा आपके मुताबिक परीक्षा की पूरी विश्वसनीयता खत्म हो गई है?

कोर्ट में SG तुषार मेहता ने कहा कि एक जगह, नीट मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है और लाभार्थियों कि पहचान भी की गई है उनके रिजल्ट पर रोक लगा दी गई है। एनटीए ने कहा है कि ऐसा लगता है कि पेपर लीक बहुत छोटे स्तर पर हुआ है। सीबीआई जांच चल रही है। पटना, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और झारखंड में 6 एफआईआर हुए हैं। क्वेश्चन पेपर मोबाइल फोन पर टेलीग्राम एप के जरिए सर्कुलेट कर लीक किये गये। एनटीए ने कहा हमारे पास इसके वीडियो भी हैं। 5 मई को एक स्कूल में रखे वाईफाई प्रिंटर से प्रिंटआउट निकाले गए। CJI ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि आपके मुताबिक परीक्षा की पूरी विश्वसनीयता खत्म हो गई है। दागी और बेदाग लोगों में अंतर करना संभव नहीं है। इसका तथ्यात्मक आधार क्या है? तब याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बिहार पुलिस, जिसने पहली एफआईआर दर्ज की थी, उसने पाया कि पेपर लीक हुआ था। बिहार पुलिस 2-3 उम्मीदवारों की नहीं, बल्कि उम्मीदवारों के ग्रुप की बात कह रही है, जिन्हें परीक्षा से पहले नीट यूजी क्वेश्चन आंसर मिले।

जांच के लिए समिति गठित करने का सुझाव

सीजेआई ने कहा कि यदि परीक्षा की पवित्रता खत्म हो जाती है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा। यदि दागी और बेदाग को अलग करना संभव नहीं है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा। यदि लीक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से हुआ है, तो यह जंगल में आग की तरह फैल सकता है और बड़े पैमाने पर लीक हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने पूरी प्रक्रिया में "रेड फ्लैग" की जांच के लिए एक समिति गठित करने का सुझाव दिया है।

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