सार
देश में सबसे ज्यादा उम्र में चुनाव लड़ने वाले प्रकाश सिंह बादल का राजनीतिक करियर सरपंच बनने से शुरू हुआ था और मुख्यमंत्री तक पहुंचा। अकाली नेता ज्ञानी करतार सिंह से प्रभावित होकर उन्होंने पॉलिटिक्स जॉइन की थी।
करियर डेस्क : पंजाब की राजनीति के 'पितामह' और पांच बार मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) का मंगलवार को निधन हो गया। उनको लेकर कहा जाता है कि बादल कभी राजनीति में नहीं आना चाहते थे। पढ़ाई करने के बाद वे राज्य सिविल सर्विस परीक्षा पास कर अधिकारी बनना चाहते थे लेकिन अकाली नेता ज्ञानी करतार सिंह से प्रभावित होकर उन्होंने पॉलिटिक्स जॉइन की थी। देश में सबसे ज्यादा उम्र में चुनाव लड़ने वाले प्रकाश सिंह बादल का राजनीतिक करियर सरपंच बनने से शुरू हुआ था और मुख्यमंत्री तक पहुंचा। आइए जानते हैं उन्होंने कहां तक पढ़ाई (Parkash Singh Badal Education) की थी, उनकी स्कूलिंग कहां से हुई और किस कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी?
प्रकाश सिंह बादल किस स्कूल से पढ़े थे
शहीदों की धरती फिरोजपुर से प्रकाश सिंह का काफी पुराना और गहरा रिश्ता रहा है। प्रकाश सिंह बादल की शुरुआती पढ़ाई गांव के ही एक शिक्षक से हुई थी। इसके बाद वे लांबी के एक स्कूल में पढ़ने लगे थे। कहा जाता है कि तब प्रकाश सिंह घोड़े से स्कूल जाया करते थे। इसके बाद छावनी के MLM सीनियर सेकेंडरी स्कूल से उन्होंने 7वीं और 8वीं क्लास की परीक्षा पास की। स्कूल के रिकॉर्ड के अनुसार, 14 अप्रैल 1937 में 7th क्लास में उनका एडमिशन हुआ था। 31 मार्च, 1939 तक उनकी 8वीं क्लास की पढ़ाई पूरी हो गई।
प्रकाश सिंह बादल ने कहां तक की पढ़ाई
प्रकाश सिंह अबूल खुराना गांव में पैदा हुए थे, तब यह गांव फिरोजपुर जिले में आता था। यहीं के मनोहर लाल मेमोरियल स्कूल से उन्होंने हाईस्कूल की पढ़ाई की और फिर आगे की पढ़ाई के लिए सिख कॉलेज लाहौर में एडमिशन लिया। इसके बाद बादल ने लाहौर के फोरमेन क्रिश्चिन कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। कहा जाता है कि बादल हाईस्कूल में साइकिल से विद्यालय आते थे। उन्हें कुल्फी खाना बहुत पसंद था। गर्मी के मौसम में दिल्ली गेट पर हर रोज मात्तू की कुल्फी खाते थे।
अधिकारी बनना चाहते थे प्रकाश सिंह बादल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रकाश सिंह बादल जब ग्रेजुएशन कर रहे थे, तब वे राज्य सिविल सेवा सेवा परीक्षा को पास कर अधिकारी बनना चाहते थे। उनका सपना राज्य की सेवा करना था लेकिन इस बीच अकाली नेता ज्ञानी करतार सिंह के प्रभाव में प्रकाश सिंह बादल आए और राजनीति में उनकी एंट्री हो गई।
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