भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा विभाजन को अंतिम रूप दिए जाने से पहले मुस्लिम लीग और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की तरफ से कई मांग की गई थी। सीमा बंटवारे के वक्त प्राकृतिक सीमाएं, संचार माध्यम, जलमार्ग और सिंचाई प्रणाली के साथ ही सामाजिक-राजनीतिक विचारों को भी ध्यान में रखा गया था।