सार
कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ पंजाब कांग्रेस में बड़े हिंदू चेहरा हैं। लेकिन, इस बार वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। सुनील जाखड़ वह नेता हैं, जिन्होंने हाल ही में एक बयान देकर पार्टी को मुश्किल में डाल दिया।
लुधियाना। कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ पंजाब कांग्रेस में बड़े हिंदू चेहरा हैं। लेकिन, इस बार वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। सुनील जाखड़ वह नेता हैं, जिन्होंने हाल ही में एक बयान देकर पार्टी को मुश्किल में डाल दिया। उन्होंने दावा किया कि जब कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम पद से हटाया गया तो नए चेहरे के लिए पार्टी ने विधायकों से वोटिंग करवाई। इसमें करीब 42 विधायकों ने मुझे सीएम पद के लिए वोट किया। जबकि चन्नी को 2 और सिद्धू को 6 विधायकों ने वोटि किया। मगर, कांग्रेस को पंजाब में सिख चेहरा चाहिए था, इसलिए चन्नी को सीएम बनाया गया। वह इसलिए सीएम पद से वंचित रह गए, क्योंकि वह हिंदू हैं, सिख नहीं।
जाखड़ के इस बयान पर पंजाब कांग्रेस में खासा बवाल हुआ था। यह भी आरोप लगे कि कांग्रेस धर्म के नाम पर पक्षपात करती है। इसी बीच, सुनील जाखड़ ने यह भी इशारा किया था कि वह एक्टिव पॉलिटिक्स से संन्यास ले रहे हैं। वह इस बार का चुनाव भी नहीं लड़ रहे हैं। जाखड़ पंजाब में कांग्रेस की प्रचार कमेटी के अध्यक्ष भी हैं। आज जब राहुल गांधी सीएम के नाम की घोषणा करने के लिए लुधियाना में वर्चुअल रैली करने आए हैं तो सुनील जाखड़ को सबसे करीब देखा जा रहा है। यहां तक कि राहुल गांधी की कार सुनील जाखड़ चलाते दिखे हैं। चन्नी और सिद्धू इसी गाड़ी में पीछे बैठे थे। जाखड़ कार लेकर होटल पहुंचे। यहां राहुल ने सिद्धू और जाखड़ के साथ बैठक की।
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सीएम फेस को लेकर आज सबसे ज्यादा नजर सिद्धू पर टिकी
बता दें कि इससे पहले जाखड़ ने यह बयान भी दिया था कि रेस के बीच में घोड़े नहीं बदले जा सकते। यानी उनका इशारा था कि सीएम का चेहरा चन्नी को घोषित करना चाहिए। दूसरी ओर आज ना सिर्फ कांग्रेस बल्कि सभी राजनीतिक दलों की नजर भी इस बात पर टिकी हुई है कि राहुल गांधी किसे सीएम फेस घोषित करते हैं? कांग्रेस में हालांकि सबसे ज्यादा नजर नवजोत सिंह सिद्धू पर लगी हुई है। क्योंकि सिद्धू ने पूरी ताकत लगा रखी है कि उन्हें सीएम फेस बनाया जाए।
तो सिद्धू के लिए इसलिए जरूरी सीएम फेस होना...
सिद्धू के लिए सीएम फेस बनना इसलिए भी जरूरी लग रहा है, क्योंकि वह अपरी पारंपरिक सीट अमृतसर ईस्ट से सबसे ज्यादा चुनौती मिल रही है। यहां से अकाली दल ने बिक्रम सिंह मजीठिया को उम्मीदवार बनाया है। बिक्रम मजीठिया ने यहां सिद्धू को कड़ी टक्कर दी है। अब यदि इस मौके पर सिद्धू थोड़े से भी कमजोर पड़ते हैं तो इसका असर उनकी अपनी सीट पर भी आएगा। इसलिए भी उनकी पूरी कोशिश है कि उन्हें सीएम फेस बनाया जाए।
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हाइकमान पर भी हमलावर हैं सिद्धू, आज कुछ नरम
सिद्धू पंजाब मॉडल देकर भी खुद को सीएम की रेस में बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। तीन-चार दिन से वह लगातार दबी जुबान में पार्टी पर हमला भी कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बोला कि सीएम मजबूत होना चाहिए। उन्होंने यह भी बयान दिया था कि हाइकमान कमजोर सीएम चाहता है। उनका इशारा चन्नी की ओर था। हालांकि, आज सिद्धू कुछ नरम दिखे और उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वह पार्टी का हर फैसला स्वीकार करेंगे।
चन्नी ने भी छवि चमकाई
दूसरी ओर चन्नी ने अपने सीएम कार्यकाल की छोटी-सी अवधि में खुद को साबित कर किया है। इसलिए माना यह जा रहा है कि चन्नी को कांग्रेस सीएम फेस बना सकती है। चन्नी की छवि और उनका काम उन्हें अभी तक सीएम रेस में बनाए हुए हैं। अब देखना यह है कि राहुल गांधी किसके नाम पर मुहर लगाते हैं। लेकिन तब तक जो सियासी सस्पेंस है, इस पर सब की नजर टिकी हुई है।
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