सार

Mahabharat Gajendra Chauhan On Adipurush. ओम राउत की फिल्म आदिपुरुष पर एक के बाद सेलेब्स अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। अब महाभरत सीरियल में युधिष्ठिर का किरदार निभाने वाले गजेंद्र चौहान ने फिल्म पर गंभीर लगाते हुए कहा कि यह नई पीढ़ी को बर्बाद कर देगी।

एंटरटेनमेंट डेस्क. फिल्म आदिपुरुष (Adipurush) पर विवाद कम नहीं हो रहा है। अब बीआर चोपडा़ के धारावाहिक महाभारत (Mahabharat) में युधिष्ठिर का रोल प्ले करने वाले गजेंद्र चौहान (Gajendra Chauhan) ने भड़ास निकाली है। ईटाइम्स टीवी से बात करते हुए उन्होंने कहा- "रामायण और महाभारत पौराणिक कथाएं नहीं हैं। ये वो इतिहास हैं जो मुगल काल में नष्ट हो गए। लेकिन ये महाकाव्य इतने मजबूत हैं कि इन्हें कोई खत्म नहीं कर सका। मुझे लगता है कि फिल्म का टाइटल ही गलत है। भगवान श्रीराम आदिपुरुष नहीं थे, भगवान शिव ही आदिपुरुष थे जो इस संसार में सबसे पहले आए थे। भगवान श्रीराम आदिपुरुष नहीं हो सकते क्योंकि वे एक वंश के थे। दूसरे, मुझे लगता है कि इस फिल्म के जरिए आने वाली पीढ़ियों के दिमाग को नष्ट करने की साजिश रची जा रही है। कुछ लोगों ने हमारे महापुरुषों की छवि को बदलने की कोशिश की है, जो कई सालों से देखी जा रही है।"

आदिपुरुष के किरदारों पर बोले गजेंद्र चौहान

फिल्म आदिपुरुष में किरदारों को कैसे चित्रित किया गया है, इस पर बात करते हुए गजेंद्र चौहान ने कहा- "हमने कभी भी श्रीराम की ऐसी तस्वीर नहीं देखी है, जिसमें वह मूंछें रखे हुए हों। वे हनुमान जी के डायलॉग्स बदलने की बात कर रहे हैं लेकिन तीर धनुष से निकल चुका है। इसे वापस नहीं किया जा सकता। फिल्म ने इतिहास और युवा पीढ़ी के दिमाग को पहले ही नुकसान पहुंचा दिया है।" उन्होंने आगे कहा- "मेकर्स कह रहे हैं कि यह बच्चों के लिए बनाई गई फिल्म है। बीआर चोपड़ा और रामानंद सागर द्वारा बनाई गई महाभारत और रामायण को बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी ने देखा। आपने क्या स्पेशल किया है? मैं तो कहूंगा कि देवी-देवताओं को कार्टून के रूप में पेश करना क्राइम है। उन्हें इतना विश्वास है कि उन्होंने इसे बदलने की कोशिश की है।"

सेंसर बोर्ड को इस पर बैन लगाना था- गजेंद्र चौहान

एफटीआईआई के पूर्व अध्यक्ष गजेंद्र चौहान ने कहा- "सेंसर बोर्ड को इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाना चाहिए था, लेकिन अब दर्शकों ने ऐसा कर दिया है। पहले दिन और पांचवें दिन के कलेक्शन में काफी अंतर है। लोगों को ऐसी फिल्मों को तुरंत अस्वीकार कर देना चाहिए और उन्हें अपने बच्चों को नहीं दिखाना चाहिए। उन्होंने फिल्म के डायलॉग्स पर भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा- "ये गिरी हुई सोच का नातीजा है। आप जैसा सोचते हैं वैसा ही लिखते हैं।

अहंकारी है मनोज मुंतशिर- गजेंद्र चौहान

गजेंद्र चौहान ने आदिपुरु। के डायलॉग्स को लेकर कहा- "मनोज मुंतशिर, जो एक गीतकार हैं, को फिल्म के लिए डायलॉग्स लिखने का काम दे दिया। उसने विभिन्न सोर्स से चीजें कॉपी की हैं और गड़बड़ कर दी है। वह बहुत अहंकारी आदमी है। राही मासूम रज़ा साहब ने महाभारत में जो लिखा था, उसका एक इंच भी हासिल नहीं किया है। बीआर चोपड़ा जब राही मासूम रजा को बुलाते थे तो वह खुद को पंडित राही मासूम रजा कहते थे। सब्जेक्ट में उनका विश्वास देखिए कि जब दूरदर्शन ने बीआर चोपड़ा को चेतावनी दी थी कि किसी मुस्लिम को डायलॉग्स लिखने के लिए न दें, इस महाभारत के कारण देश में दंगे होंगे। चोपड़ा साहब ने कहा था- "लिखेंगे तो राही मासूम रजा लिखेंगे, वरना कोई नहीं लिखेगा।"

 

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