सार
हरियाणा के पानीपत में 5 साल की एक बच्ची को केयर टेकर द्वारा टॉर्चर करने का मामला सामने आया है। बच्ची मंदबुद्धि है। वो डेढ़ साल पहले बाल कल्याण समिति को लावारिश मिली थी। बच्ची के दीपावली के तीन दिन पहले एक केयर टेकर को सौंपा गया था। लेकिन केयर टेकर ने उसे कमरे में कैद करके रखा हुआ था। बच्ची जब रोती-चिल्लाती, तो आसपड़ोस के लोग उसे खिड़की से खाना-पीना फेंक देते। सोमवार शाम को सूचना मिलने पर उसे मुक्त कराया गया।
पानीपत, हरियाणा. करीब डेढ़ साल पहले लावारिश मिली मंदबुद्धि 5 साल की बच्ची को केयर टेकर द्वारा टॉर्चर किए जाने का मामला सामने आया है। इस बच्ची को बाल कल्याण समिति ने दीपावली से तीन दिन पहले केयर टेकर को सौंपा था। लेकिन केयर टेकर ने उसे कमरे में कैद करके रखा हुआ था। बच्ची जब रोती-चिल्लाती, तो आसपड़ोस के लोग उसे खिड़की से खाना-पीना फेंक देते। सोमवार शाम को सूचना मिलने पर जेजे बोर्ड के सदस्य मॉडल टाउन थाना क्षेत्र के सिद्धार्थ नगर स्थित घर पहुंचे। केयर टेकर ने घर के बाहर से ताला डाला हुआ था। केयर टेकर तेजपाल अनाथ बच्चों को पालने के लिए एनजीओ चलाता है।
खिड़की से झांककर रोती रहती थी बच्ची
जेजे बोर्ड की सदस्य मालती अरोड़ा ने बताया कि सोमवार शाम को उन्हें इस बारे में सूचना मिली थी। बताया गया कि बच्ची खिड़की से झांककर रोती रहती थी। उसकी आवाज सुनकर आसपड़ोस के लोग आते और खाना-पीना दे देते। बच्ची को पिछले 5 दिनों से बंधक बनाकर रखा गया था। लेकिन जब कॉलोनी के लोगों को अजीब लगा, तब उन्होंने 1098 चाइल्ड हेल्प नंबर पर फोन करके इसकी सूचना दी। इसके बाद जानकारी जेजे बोर्ड की सदस्य मालती तक पहुंची।
इसके बाद मालती अरोड़ पुलिस को लेकर देर रात सिद्धार्थ नगर पहुंची। वहां देखा कि बच्ची खिड़की के पास कमरे में खड़ी थी। बच्ची ठीक से बोल नहीं पाती। जब बच्ची से पूछा गया कि क्या वो बाहर जाना चाहती है, तो उसने सिर हिलाकर हां कहा। इसके बाद बच्ची को सिविल अस्पताल ले जाया गया। यह बच्ची करीब डेढ़ साल पहले लावारिश हालत में जीटी रोड पर मिली थी। वो अपने बारे में कुछ नहीं बता पा रही थी। इसलिए उसे बाल कल्याण समिति ने बाल केयर सेंटर में रखवा दिया था। दीपावली से पहले देखरेख के लिए उसे तेजपाल को सौंपा था।
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झूठ बोलता रहा तेजपाल
जेजे बोर्ड की सदस्य ने जब तेजपाल से पूछताछ की तो वह कई तरह की झूठ बोलने लगा। पहले तो कहा कि बच्ची लावारिस हालत में मिली थी। बच्ची की तबीयत ठीक नहीं थी। हॉस्पिटल में चेक कराया तो वह कोरोना पॉजिटिव निकली थी। इसलिए उसे एक कमरे में क्वारेंटाइन कर दिया था। उसका पूरा ख्याल रखा जा रहा था। तेजपाल ने समिति को झूठ बोला कि वो बच्ची का पूरा ख्याल रख रहा था। हालांकि तेजपाल के एनजीओ की सच्चाई सामने आने के बाद बाल कल्याण समिति की भूमिका भी संदिग्ध हो गई है।