सार

धनवान बनना हर कोई चाहता है, लेकिन कठिन परिश्रम के बाद भी अनेक लोग सामान्य जीवन जीने इतना पैसा भी नहीं कमा पाते हैं। ज्योतिष की दृष्टि से देखें तो व्यक्ति की जन्मकुंडली में धनवान बनने या न बनने के योग होते हैं।

उज्जैन. ग्रहों की दशा, स्थिति, उन पर शुभ और पाप ग्रहों की दृष्टि के अनुसार धनवान बनने के अनेक प्रकार से योग बनते हैं। किसी योग्य विद्वान ज्योतिषी से कुंडली का अध्ययन करवाकर इन योगों के बारे में जाना जा सकता है। जिन लोगों की कुंडली में ये योग होते हैं उन्हें अपने जीवन में सभी सुख-सुविधाएं मिलती हैं। आगे जानिए इन योगों के बारे में

1. लग्न से भाग्य स्थान में गुरु की राशि धनु या मीन हो और यदि उसमें शुभ ग्रह हो, उसमें गुरु-शुक्र की युति हो अथवा पंचमेश युक्त हो तो व्यक्ति बहुत धनवान होता है।
2. पंचम स्थान में बुध की राशि कन्या या मिथुन हो और उसमें शुभ ग्रह हो, लाभ स्थान में चंद्र के साथ मंगल हो तो व्यक्ति बहुत धनवान होता है।
3. पंचम स्थान में शुक्र की राशि वृषभ या तुला हो और उसमें शुक्र व बुध हो तथा एकादश स्थान में शनि हो तो व्यक्ति के पास अटूट संपत्ति होती है।
4. पांचवें भाव में सिंह राशि में सूर्य हो तथा गुरु लाभ भाव में हो तो व्यक्ति के पास बहुत धन होता है।
5. पांवचें भाव में शनि की राशि कुंभ या मकर हो, उसमें लाभेशयुक्त शनि भी हो तो व्यक्ति अधिक धन-संपत्ति का स्वामी होता है।
6. कुंडली के पंचम स्थान में गुरु की राशि धनु या मीन हो, उसमें गुरु स्थित हो और लाभ भाव में चंद्र के साथ बुध युति करे तो व्यक्ति बहुत धन का स्वामी होता है।
7. पंचम स्थान में कर्क राशि में चंद्र हो, लाभ भाव में मंगल हो तो जातक के पास धन संपत्ति की कोई कमी नहीं होती है।
8. सिंह लग्न हो उसमें सूर्य हो और वह मंगल व गुरु से दृष्ट हो तो वह व्यक्ति कभी न समाप्त होने वाली संपत्ति का स्वामी होता है।
9. लग्न में कर्क राशि हो, उसमें स्थित चंद्र, गुरु और मंगल से युत या दृष्ट हो तो व्यक्ति धन और यश अर्जित करता है।
10. वृश्चिक या मेष लग्न हो, उसमें मंगल के साथ गुरु-चंद्र हो या इनकी दृष्टि हो तो व्यक्ति धनवान और सम्मानित प्रतिष्ठित होता है।
11. लग्न मिथुन या कन्या हो उसमें बुध स्थित हो तथा वह गुरु-चंद्र से युत या दृष्ट हो तो वह धन के मामले में भाग्यशाली होता है।

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