GST Council Food Tax Changes: जीएसटी काउंसिल ने टैक्स स्ट्रक्चर बदलते हुए चार की जगह दो स्लैब किए हैं। 22 सितंबर से कई खाद्य पदार्थ सस्ते मिलेंगे, जबकि सॉफ्ट ड्रिंक्स व मीठे प्रोडक्ट्स महंगे होंगे। इससे मिडिल क्लास को राहत मिलेगी।

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?
जीएसटी के जनक कौन?
भारत में जीएसटी के जनक डॉ. विजय केलकर माने जाते हैं, लेकिन विचार पहली बार 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी ने पेश किया था।

GST Revised Food List 2025: नई गु्ड्स एंड सर्विसेज टैक्स (Goods and Services Tax) का नया स्ट्रक्चर लागू होने जा रहा है। जीएसटी काउंसिल ने 3 सितंबर को टैक्स स्लैब्स में बड़ा बदलाव किया है, जिसके तहत कई चीजें सस्ती तो कुछ एक चीजें महंगी होंगी। अब चार स्लैब्स (5, 12, 18 और 28 फीसदी) की जगह केवल दो स्लैब 5% और 18% रहेंगे। नया स्ट्रक्चर 22 सितंबर 2025 से लागू होगा। इसके तहत कई खाद्य पदार्थ सस्ते होंगे, जिससे मिडिल क्लास परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी। तो चलिए जानते किचन में आने वाली कौन सी चीजें सस्ती होंगी और कौन सी महंगी। 

कौन-सी चीजें सस्ती होंगी?

शून्य टैक्स पर आएंगी ये चीजें ( वर्तमान पर इन चीजों पर 5% टैक्स है। )

  • चपाती और पराठे- अब इन पर कोई टैक्स नहीं लगेंगे। पहले 5 प्रतिशत टैक्स इनपर थे।
  • दूध, छेना, पनीर, पिज्जा ब्रेड, खाखरा-अब टैक्स शून्य

5% टैक्स पर आएंगी चीजें (वर्तमान में18% टैक्स है।)

  • मक्खन, घी
  • ड्राई नट्स
  • कंडेंस्ड मिल्क
  • सॉसेज और मीट
  • जैम, जेली
  • टेंडर नारियल पानी
  • नमकीन
  • फ्रूट जूस व पल्प
  • दूध से बनी ड्रिंक्स
  • 20 लीटर की पैक्ड पानी की बोतलें
  • आइसक्रीम, पेस्ट्री, बिस्किट
  • कॉर्नफ्लेक्स व सीरियल्स
  • सोया मिल्क ड्रिंक्स, चीज और अन्य फैट्स

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कौन-सी चीजें महंगी होंगी?

अगर आपको सॉफ्ट ड्रिंक या मीठी चीजें पसंद हैं, तो आपकी जेब पर ज्यादा बोझ पड़ेगा। 

  • कार्बोनेटेड बेवरेजेज (Coca-Cola, Pepsi जैसी सॉफ्ट ड्रिंक्स) - अब 40% टैक्स ( वर्तमान में 28% है।)
  • कैफीन वाली ड्रिंक्स- अब 40% टैक्स (पहले 28%)
  • अन्य नॉन-अल्कोहॉलिक बेवरेजेज- अब 40% टैक्स (वर्तमान में 18% है। )
  • शक्कर या फ्लेवर वाली सभी चीजें-अब 40% टैक्स (वर्तमान में 28% है।)

पॉपकॉर्न पर नया जीएसटी

पॉपकॉर्न की टैक्स कैटेगरी को लेकर पहले काफी बहस हुई थी। अब इसे सरल बना दिया गया है-

नमकीन या मसालेदार पॉपकॉर्न (खुला या पैकेज्ड) पर 5% टैक्स लगेगा। 

कैरेमल पॉपकॉर्न पर 18% टैक्स लगेगा। इसके पीछे वजह इसमें यूज होने वाला शुगर है। 

कुल मिलाकर, मिडिल क्लास के लिए जीएसटी स्लैब में बदलाव राहत लेकर आया है, जबकि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक चीजों पर टैक्स बढ़ा दिया गया है।

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