सार

हाल ही में एक स्टडी में पता चला है कि वीडियो कॉल हमारे दिमाग की एक्टिविटी को बदल रही है। ऑनलाइन इंटरैक्शन न्यूरल कम्यूनिकेशन काफी कम हो गया है।

हेल्थ डेस्क. कोविड और पोस्ट कोविड के दौरान वीडियो कॉल का चलन बढ़ा है। ऑफिस मीटिंग हो या फिर दूर बैठी फैमिली से बातचीत वीडियो कॉल के जरिए ही कम्यूनिकेशन हो रहा है। ऑफिस वर्क वीडियो कॉल में हिस्सा लेना एक तनावपूर्ण स्थिति को पैदा करता है। क्योंकि अक्सर माइक्रोफोन म्यूट पर होता है, अस्थिर इंटरनेट और अजीब चुप्पी तनाव की स्थिति को बढ़ा देते हैं। इमेजिंग न्यूरोसाइंस में एक हालिया स्टडी में पता चला है कि ये वीडियो इंटरैक्शन न केवल सामाजिक संकेतों पर असर करते हैं, बल्कि हमारे दिमाग के इंटरैक्शन को संसाधित करने के तरीकों को भी प्रभावित करते हैं।

येल विश्वविद्यालय में किए गए स्टडी के नतीजे दूसरों के साथ हमारी नेचुरल बातचीत के आकारा देने में आमने-सामने कम्यूनिकेशन के अहमियत को दिखाते हैं। स्टडी के मुख्य राइटर न्यूरोसाइंटिस्ट जॉय हिर्श कहते हैं कि ह्यूमन ब्रेन की सोशल सिस्टम वीडियो कॉल की तुलना में जब लोग आमने-सामने होते हैं तो ज्यादा एक्टिव होता है। वीडियो कॉल के दौरान लोगों का दिमाग कम एक्टिव होता है। उनका कहना है कि चेहरों का ऑनलाइन प्रजेंटेशन कम से कम तकनीक के साथ ब्रेन में सामाजिक तंत्रिका सर्किट्री तक नहीं पहुंच पाते हैं जिसके लिए वो बना है। जूम के दौरान इंसान का दिमाग कमजोर हो जाता है।

आमने-सामने की बातचीत में ज्यादा तेज चलता है दिमाग

सोशल कनेक्टिविटी सभी मानव समाजों की बुनियाद है। हमारे दिमाग वास्तव में आमने-सामने मौजूद एक्टिविटी चेहरों को संसाधित करने क लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। नए अध्ययन के लिए, हिर्श की टीम ने लाइव, दो-व्यक्ति बातचीत में शामिल व्यक्तियों और ज़ूम पर दो-व्यक्ति बातचीत में शामिल लोगों में तंत्रिका तंत्र प्रतिक्रियाओं को रिकॉर्ड किया, लोकप्रिय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफ़ॉर्म अब लाखों अमेरिकियों द्वारा दैनिक उपयोग किया जाता है। उन्होंने पाया कि "इन-पर्सन" बातचीत के सापेक्ष ज़ूम पर न्यूरोलॉजिकल सिग्नलिंग की ताकत नाटकीय रूप से कम हो गई थी।

चेहरे से लेकर आंखों तक की एक्टिविटी बढ़ जाती है

वहीं, आमने-सामने की बातचीत में हिस्सा लेने वालों की बीच बढ़ी हुई एक्टिविटी टकटकी के समय में बढ़ोतरी और पुतली के आकार में वृद्धि के साथ जुड़ी हुई थी, जो दोनों मस्तिष्कों में बढ़ती उत्तेजना का संकेत देती है।मतलब वीडियो कॉल के दौरान हमारा दिमाग उस तरह काम नहीं करता है जिस तरह आमने-सामने की बातचीत में यह करता है।

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