हेल्थ डेस्क : नमक के बिना हमारी जिंदगी बिल्कुल फीकी है, इसलिए हर साल 14 से 20 मार्च तक वर्ल्ड सॉल्ट अवेयरनेस वीक मनाया जाता है। इस बीच वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट सामने आई जिसमें दावा किया कि ज्यादा नमक खाने से कई बीमारियां हो सकती हैं।
हेल्थ डेस्क : सभी के घर में नारियल तेल का इस्तेमाल जरूर होता है। यह आपके दांतों के दर्द को कम करने से लेकर आपके अंडर आर्म्स के कालेपन और चेहरे पर निखार लाने का काम भी करता है। आज हम आपको बताते हैं कि नारियल तेल इस्तेमाल करने का सही तरीका...
हेल्थ डेस्क. गर्भवती होने से जुड़े कई नियम और मिथक हैं। एक आम धारणा है कि सेक्स के बाद पेशान (Peeing after sex) करने से स्पर्म बाहर आ जाता है। जिससे प्रेग्नेंसी के चासेंज खत्म हो जाते हैं। लेकिन ये कितना सच है आइए जानते हैं।
हेल्थ डेस्क. शारीरिक संबंध को लेकर सोचना और बात करना जहां पहले की महिलाओं के लिए वर्जित था। वहीं, आज के दौर में वो इस पर खुलकर चर्चा करने लगी हैं। वो समझ गई हैं कि सेक्स उनका बुनियादी हक हैं। लेकिन इनकी संख्या आज भी कम है।
एम्स के पूर्व प्रमुख और पद्म श्री डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि H3N2 इन्फ्लूएंजा तेजी से फैल रहा है। इससे बचाव के लिए फेस मास्क और हाथों की स्वच्छता का पालन करने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि हाई रिस्क वाले ग्रुप को अलग-थलग रखा जाना चाहिए।
नई दिल्ली के एम्स के शोधकर्ताओं ने एक केस की रिपोर्ट जारी की। जिसमें बताया कि शराब के साथ वियाग्रा की दो गोली खाने से एक शख्स की मौत हो गई। मस्तिष्क में गंभीर ब्लीडिंग की वजह से 41 साल के शख्स की मौत हुई।
एक महिला 9 साल तक बच्चे को अपने पेट में ढोती रहीं, अंत में कुपोषण से उसकी मौत हो गई। दुर्लभ मामला अमेरिका से जुड़ा है। जानकर हैरानी होगी कि अब तक इस तरह के सिर्फ 290 केस ही दर्ज किए गए हैं। चलिए बताते हैं पूरा मामला।
यदि आप अपने पार्टनर के साथ एनल सेक्स एन्जॉय करने ये सोचकर जा रहे हैं कि यह सेफ हैं। इससे पार्टनर प्रेग्नेंट नहीं होगी तो फिर आपको थोड़ा थमने की जरूरत है। इस खबर को पढ़कर आपको इस बाबत जानकारी हो जाएगी कि इस तरह के सेक्स में कितना रिस्क फैक्टर होता है।
हेल्थ डेस्क. रैपर बादशाह की शर्टलेस तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। लोगों को यकीन नहीं हो रहा है कि उनका ओवरवेट हीरो इस कदर फिट हो गया हैं। लोग बादशाह के फिटनेस सीक्रेट के बारे में पूछ रहे हैं। तो चलिए बताते हैं उन्होंने कैसे वेट लॉस किया।
दिल्ली में कबूतरों की बढ़ती संख्या के कारण यहां की आबादी के फेफड़े संक्रमित हो रही है। जिसे बर्ड ब्रीडर्स लंग्स की बीमारी के रूप में जाना जाता हैं। कबूतर सड़क, मोहल्ले और लोगों के बालकनी में घूमते हैं और पूरे शहर में खतरा पैदा कर रहे हैं।