SADS Death: 31 साल की उम्र में वो चली गई। सोते हुए उसकी सांस हमेशा के लिए बंद हो गई। डॉक्टर ने बताया कि मेरी पत्नी की मौत एसओडीएस से हुई है। वर्ल्ड हार्ट डे (29 सितंबर) पर आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में।
Heart Disese: 31 साल की रूबी की अचानक मौत होने से उसका पति हिल गया। कहानी इंग्लैंड के बर्स्टल की है। 34 साल के डेल लॉकवुड जब काम से घर लौटा तो देखा कि उसकी पत्नी बिस्तर पर बेसुध पड़ी है। शुरुआत में लगा कि यह कोई मजाक है, क्योंकि रूबी का सेंस ऑफ ह्यूमर भी थोड़ा डार्क था। लेकिन कुछ पल बाद पता चला कि उसकी पत्नी इस दुनिया में नहीं हैं। घटना अक्टूबर 2023 की है। डॉक्टरों ने शुरुआत में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (हृदय की मांसपेशियों का मोटा हो जाना) को कारण बताया, लेकिन अगस्त 2024 में यह पुष्टि हुई कि रूबी की मौत सडन एरिदमिक डेथ सिंड्रोम (SADS) की वजह से हुई।
SADS के प्रति जागरूक अभियान
द मिरर में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, रूबी, जो पुलिस डिटेक्टिव थीं, अपने दूसरे बच्चे विनिफ्रेड को जन्म देने के बाद भी काम और फिटनेस दोनों में एक्टिव थीं। उन्हें कभी कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं रही थी। उनकी अचानक मौत ने पूरे परिवार को झकझोर दिया। पत्नी की याद में डेल अब लोगों को SADS के प्रति जागरूक करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने ग्रेट नॉर्थ रन (2024), लंदन मैराथन और अब अक्टूबर 2025 में होने वाले अल्ट्रामैराथन में भाग लेकर फंडरेजिंग की है। उनका उद्देश्य है कि लोग इस बीमारी को हल्के में न लें और समय रहते जांच कराएं। उन्होंने बताया कि यह बीमारी सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं है। बच्चे और युवा भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। हमें सोचना चाहिए कि यह किसी भी परिवार के साथ हो सकता है। जागरूकता ही बचाव का पहला कदम है।
क्या है SADS बीमारी
SADS (Sudden Arrhythmia Death Syndromes ) एक ऐसी स्थिति है, जब हृदय की धड़कन अचानक खतरनाक रूप से असामान्य हो जाती है और समय पर इलाज न मिलने से व्यक्ति की मौत हो सकती है। अक्सर यह जेनेटिक कारणों से भी होता है।
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SADS के लक्षण
SADS अक्सर अचानक कार्डियक अरेस्ट के रूप में सामने आता है, लेकिन कई बार शरीर पहले से कुछ संकेत देता है।
- तेज या अनियमित धड़कन
- चक्कर आना
- सीने में दर्द या जकड़न
- सांस लेने में दिक्कत
- बार-बार होश खोना
बच्चों और युवाओं में लक्षण
कई बार यह जेनेटिक कारणों से बच्चों और युवाओं में पाया जाता है। उनमें लक्षण हो सकते हैं:
- खेलते या दौड़ते समय अचानक गिर जाना
- एक्टिविटी के दौरान ब्लैकआउट होना
- बिना कारण थकान या कमजोरी
कब सतर्क होना चाहिए?
- परिवार में किसी की अचानक नींद में मौत हुई हो
- कम उम्र में दिल से जुड़ी समस्या या कार्डियक अरेस्ट का इतिहास हो
- एक्सरसाइज करते समय बेहोशी या सीने में दर्द हुआ हो।
बच्चों को भी खतरा, आजीवन निगरानी में भेजा गया
रूबी की मौत के बाद उनके दोनों छोटे बच्चों आर्थर (5) और विनिफ्रेड (3) को कार्डियोलॉजी विभाग में रेफर किया गया है। डॉक्टर उन्हें आजीवन निगरानी में रखेंगे ताकि किसी भी खतरे को समय रहते टाला जा सके।
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