सार
इंटर रिलीजन प्यार और चुनौतियों का संगम है। धर्म, संस्कृति और परिवार की स्वीकृति जैसी बाधाओं को पार करते हुए, एक मजबूत रिश्ते के लिए आपसी समझ, सम्मान और कानूनी जानकारी जरूरी है।
रिलेशनशिप डेस्क.दिल कहां किसी के काबू में रहा है। प्यार के मामले में वो कोई भी नियम-कानून नहीं मानता है। जिस पर आ गया तो बस आ गया। अब वो चाहे अमीर हो-गरीब हो, हिंदू हो या फिर मुस्लिम या फिर दूसरे जाति का। इश्क में ये सारी बातें मैटर नहीं करती हैं। सवाल यह है कि बिना शादी के ये प्यार जब तक रहता है तब तक इसे निभाना आसान होता है। क्योंकि हम एक दूसर के कल्चर का हिस्सा नहीं होते हैं। लेकिन शादी के बाद मायका छोड़कर पिया के घर जाना होता है। वहां पर अपनाना पड़ता है पति देव के घर का कल्चर। कई बार आप धीरे-धीरे इसे अपना लेते हैं और कई बार ये आपके लिए एक तंग करने वाली प्रक्रिया बन जाती है। तो अगर आप भी इंटर रिलीजन शादी करने का प्लान कर रही हैं तो इन 10 बातों को जरूर फॉलो करें। ताकि प्यार और साथ साथी के साथ ताउम्र बना रहे।
धर्म और कल्चर की समझ विकसित करें
शादी से पहले डेट करने के दौरान ही आप पार्टनर के धर्म और उससे जुड़ी संस्कृतियों के बारे में जानकारी हासिल करें। उसे गहराई से समझे। साथी के साथ इसे लेकर बातचीत करें। उनके धार्मिक मान्यताओं का आदर करें। उनके फेस्टिव सीजन में शरीक हों। क्योंकि शादी के बाद अपने धर्म के साथ-साथ उस धर्म को भी अहमियत देना पड़ेगा।
पहले धर्म को लेकर कर लें बात
धर्म को लेकर साथी से बात करना जरूरी है। अगर आप अपने धर्म को फॉलो करते हुए पार्टनर के घर का हिस्सा बनना चाहती हैं। तो उसे पहले ही बताएं कि आप उनके धर्म का भी पालन करेंगी। लेकिन अपना धर्म भी नहीं छोड़ेंगी। आप दोनों को लेकर चलेंगी। अगर पार्टनर आपकी बातों पर राजी होता है, तब तो ये बहुत अच्छी बात है। लेकिन कई बार साथी इस बात से अड़ जाता है कि आपको उसके धर्म में रहना होगा। नाम भी बदला होगा। तो फिर आपको इसे लेकर अच्छी तरह सोच विचार करना चाहिए।
फैमिली की मंजूरी मिलना मुश्किल लेकिन करें इंतजार
इंटर रिलीजन शादी की मंजूरी घरवालों से मिलना भारत में आज भी मुश्किल है। लेकिन फैमिली और माता-पिता को सम्मान के साथ समझाएं। उनका सपोर्ट हासिल करने की कोशिश करें।
शादी किस तरह से होगा इसे लेकर भी साथी से बातचीत करें
अगर शादी दोनों धर्मों के रीति रिवाज से होती है तो वो बहुत ही अच्छा है। लेकिन अगर धर्म के अनुसार अनुष्ठान करना है तो फिर पार्टनर के साथ चर्चा कर लें। ताकि बाद में किसी भी तरह के तनाव से बचा जा सकें। क्योंकि अक्सर प्यार में आप सामने वाले के धर्म के अनुसार शादी कर भी लेती हैं। लेकिन ये बात आपको कचोटता है कि आपने अपने धर्म का संस्कार नहीं किया।
भविष्य की पीढ़ियों की परवरिश
यदि आप भविष्य में बच्चों की परवरिश को लेकर चिंतित हैं, तो पहले से तय कर लें कि उनके धार्मिक पालन-पोषण में कैसे संतुलन बनाएंगे। आप इसके बीच का भी रास्ता निकाल सकती हैं। बॉलीवुड के कई कपल हैं जिन्होंने इंटर रिलीजन शादी की है। वो घर में दोनों धर्मों का सम्मान करते हैं। यहां तक की बच्चों की परवरिश भी दोनों धर्म के अनुसार की जाती है।
धार्मिक छुट्टियां और त्योहार
दोनों धर्मों के त्योहारों को मिलजुल कर मनाने की योजना बनाएं। यह दोनों के बीच समझदारी और मेलजोल को बढ़ाएगा।
कानूनी पहलुओं की जानकारी
भारत में स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत अंतरधार्मिक विवाह का पंजीकरण किया जा सकता है। इससे जुड़ी कानूनी प्रक्रियाओं को समझें और सही जानकारी प्राप्त करें। क्योंकि बाद में अगर शादी में दिक्कत आती है तो फिर आप कानून के अनुसार कदम उठा सकती हैं।
समाज और मित्रों का समर्थन
इंटर रिलिजन शादी में समाज और दोस्तों का समर्थन मिलना आसान नहीं होता है। आपको इसके लिए मेंटल रूप से तैयार रहना चाहिए। अपने निर्णय को लेकर आत्मविश्वास बनाए रखें। अगर सब आपसे प्यार करते हैं तो बाद में वो धर्म को भूलकर आपको अपना ही लेंगे। लेकिन शुरुआत में आपको धैर्य बनाकर रखना होगा।
मिलजुल कर जीवन जीने का नजरिया रखें
सबसे महत्वपूर्ण है कि दोनों पार्टनर जीवन को मिलजुल कर जीने का नजरिया अपनाएं। सहनशीलता और समझ के साथ आगे बढ़ें ताकि आपके रिश्ते में मजबूती बनी रहे।इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए आप एक सफल और खुशहाल इंटर रिलिजन मैरेज का अनुभव कर सकते हैं। अगर आप दोनों के बीच प्यार, सम्मान और विश्वास है तो आप हर चुनौती का सामना आसानी से कर सकते हैं।
एक बात का जरूर शादी से पहले ध्यान रखिएगा, क्योंकि कई बार अट्रैक्शन को हम प्यार समझ बैठते हैं। ऐसे में जब हम शादी करते हैं तो फिर जब अट्रैक्शन खत्म हो जाता है तो शादी बोझ बन जाती है। इसलिए शादी करने से पहले कई बार सोचिएगा।
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