सार
दिल्ली आबकारी नीति के लागू होने के बाद आप सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। बताया जा रहा है कि इस नीति के माध्यम से डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने करीबियों को लाभ पहुंचाया और उनके खास लोगों के माध्यम से करोड़ों रुपयों का ट्रांसफर किया गया है।
Delhi Excise Policy Corruption case: सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति करप्शन केस में आठ लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। सीबीआई ने जांच के दौरान दर्ज किए गए एफआईआर में 15 लोगों को आरोपी बनाया है। इसमें दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया व कई नौकरशाहों के अलावा प्राइवेट लोग भी आरोपी हैं। सीबीआई ने 8 प्राइवेट आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है।
सीबीआई एफआईआर में 9 प्राइवेट लोगों का नाम
सीबीआई ने एफआईआर में कुल नौ निजी व्यक्तियों को आरोपी बनाया है। लेकिन 8 लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। मनोरंजन और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ विजय नायर, ब्रिंडको स्पिरिट्स के मालिक अमनदीप ढाल, इंडोस्पिरिट के एमडी समीर महेंद्रू, महादेव लिकर्स के सन्नी मारवाह और हैदराबाद के अरुण रामचंद्र पिल्लई के अलावा अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडेय के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। जबकि 9वें आरोपी पर्नोड रिकार्ड के पूर्व वाइस प्रेसिडेंट मनोज राय के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी नहीं किया गया है।
लेकिन मनीष सिसोदिया के खिलाफ नहीं है कोई सर्कुलर
सीबीआई ने 8 प्राइवेट आरोपियों के खिलाफ सर्कुलर जारी किया है। इस लुकआउट नोटिस में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया या किसी नौकरशाह का नाम शामिल नहीं है। मनीष सिसोदिया, आबकारी विभाग के तीन पूर्व अधिकारियों समेत चार लोकसेवकों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर नहीं जारी किया गया है। सीबीआई ने बताया कि कोई भी लोकसेवक बिना सरकार को सूचित किए देश नहीं छोड़ता है इसलिए इनके खिलाफ कोई नोटिस नहीं जारी किया गया है।
हालांकि, दिल्ली आबकारी नीति करप्शन केस (Delhi Excise Policy corruption case) में सीबीआई जांच (CBI Investigation) का सामना कर रहे डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने अपने खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (Lookout circular) जारी किए जाने का दावा किया था। लेकिन सिसोदिया के दावे के कुछ ही घंटे बाद सीबीआई ने उनके दावों से इनकार कर दिया। सीबीआई ने कहा कि अबतक किसी के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी नहीं किया गया है। एलओसी जारी करने की अभी आवश्यकता महसूस नहीं की गई है क्योंकि आरोपियों में कोई भी सरकार को सूचित किए बिना देश नहीं छोड़ सकता है। सीबीआई ने कहा कि दस्तावेजों की जांच की प्रक्रिया चल रही है। संदिग्धों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया जा रहा है।
शनिवार को तीन आरोपियों से पूछताछ
सीबीआई सूत्रों के अनुसार शनिवार को आबकारी नीति स्कैम में नामजद तीन आरोपियों को ऑफिस बुलाकर पूछताछ किया। इन लोगों के बयान भी दर्ज किए गए। सीबीआई द्वारा शुक्रवार को रेड के दौरान मिले दस्तावेजों में वित्तीय लेनदेन से संबंधित भी पूछताछ करने की बात कही जा रही है। आरोपियों से करीब 12 घंटे तक पूछताछ की गई जिसके बाद उन्हें घर जाने दिया गया।
सीबीआई ने दर्ज किया एफआईआर
आबकारी केस में सीबीआई ने गुरुवार को केस दर्ज किया था। एफआईआर को ईडी से भी साझा किया गया है। माना जा रहा है कि जल्द इस केस में ईडी की भी एंट्री होने वाली है। वित्तीय जांच एजेंसी, इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करेगी।
क्या है आबकारी नीति करप्शन केस?
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने राज्य की नई आबकारी नीति में भ्रष्टाचार की जांच की सिफारिश की थी। सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद इस साल जुलाई में नीति को वापस ले लिया गया था। सीबीआई ने अपने एफआईआर में आपराधिक साजिश से संबंधित आईपीसी की धारा, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों को लागू किया है। एफआईआर में आरव गोपी कृष्णा, पूर्व उप आबकारी आयुक्त आनंद तिवारी और सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर के अलावा नौ व्यवसायी और दो कंपनियों को नामजद किया गया है।
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