दिल्ली की हवा फिर बनी ज़हर! AQI 424 तक पहुंच गया, पर GRAP-3 अब तक लागू क्यों नहीं? क्या सरकार किसी बड़े फैसले से बच रही है या डेटा में कुछ छिपा है? जनता पूछ रही है-जब सांसें तक भारी हैं, तो सिस्टम खामोश क्यों है?
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली-NCR की हवा एक बार फिर ज़हरीली हो चुकी है। राजधानी की सड़कों पर चलना, सांस लेना तक मुश्किल हो गया है। शनिवार को कई इलाकों का AQI 424 तक पहुंच गया, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। इसके बावजूद GRAP Stage 3 (Graded Response Action Plan) लागू नहीं किया गया है। सवाल उठता है कि क्या प्रशासन हवा के ज़हर को नज़रअंदाज़ कर रहा है या कोई और बड़ी वजह है?
जब हवा ‘गंभीर’ हो चुकी, तो GRAP-3 क्यों नहीं लागू हुआ?
दिल्ली में इस वक्त 39 में से 24 मॉनिटरिंग स्टेशनों ने AQI 400 से ज़्यादा दर्ज किया है। सबसे प्रदूषित इलाकों में रोहिणी (435), नेहरू नगर (426), बवाना (426) और ITO (420) शामिल हैं। औसतन दिल्ली का AQI 391 रहा, जबकि नोएडा (391), गाजियाबाद (387) और ग्रेटर नोएडा (366) में भी हवा ज़हरीली है। फिर भी, Delhi Pollution Control Committee (DPCC) और CAQM ने GRAP-3 लागू नहीं किया। अधिकारियों का कहना है कि “पिछले साल के मुकाबले इस बार हवा थोड़ी बेहतर है” यानी ज़हर थोड़ा कम है, लेकिन ज़हर तो है!
आखिर दिल्ली की हवा इतनी खराब क्यों हो रही है?
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटियोरोलॉजी (IITM) के मुताबिक 9 से 11 नवंबर तक हवा “बहुत खराब” श्रेणी में रहेगी। रिपोर्ट कहती है कि रविवार को पराली जलाने का योगदान 31% रहेगा — यानी लगभग एक-तिहाई प्रदूषण खेतों की आग से आ रहा है। वहीं गाड़ियों से निकलने वाला धुआं करीब 14.25% जिम्मेदार है। इस बीच, पंजाब और हरियाणा सरकारों से CAQM ने सख्त कार्रवाई की अपील की है। हालांकि, पंजाब में 15 सितंबर से अब तक 3,284 खेतों में आग लगने के मामले दर्ज हुए हैं , जो पिछले साल से कुछ कम हैं।
क्या डेटा में हेरफेर हो रहा है?
जैसे-जैसे हवा ज़हरीली होती जा रही है, जनता का भरोसा आंकड़ों पर भी डगमगा रहा है। DPCC ने साफ कहा है “डेटा में कोई छेड़छाड़ नहीं हुई।” सभी मॉनिटरिंग स्टेशन 99% तक सक्रिय हैं और हर आंकड़ा CPCB वेबसाइट पर पब्लिक है। लेकिन सवाल अब भी वही जब सांसें भारी हैं, तो सिस्टम खामोश क्यों है?
जनता का विरोध और अगला कदम
आज शाम इंडिया गेट पर प्रदूषण के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन होने वाला है। लोग सरकार से सवाल कर रहे हैं कि “क्या हम हर साल इसी धुंध में जीने को मजबूर रहेंगे?” फिलहाल, दिल्ली GRAP-3 से बची हुई है, लेकिन अगर अगले कुछ दिनों में हवा साफ नहीं हुई, तो कंस्ट्रक्शन बैन, ट्रक एंट्री रोकने जैसे सख्त कदम जल्द लागू किए जा सकते हैं। दिल्ली फिर से धुंध में लिपट चुकी है। सवाल सिर्फ इतना है — क्या प्रशासन फिर से “समय पर एक्शन” का बहाना बनाएगा या इस बार वाकई हवा में सुधार के ठोस कदम उठाए जाएंगे?
