सार
तीन राज्यों में कांग्रेस पार्टी की हार के बाद कई सवाल उठने लगे हैं। ऐसा इसलिए कि इस हार के बाद विपक्षी गठबंधन में भी कांग्रेस कमजोर हो गई है और इसका असर लोकसभा चुनाव की सीट शेयरिंग पर भी पड़ेगा।
Assembly Polls Result. कांग्रेस पार्टी और उनके नेता राहुल गांधी ने हर मंच और हर राज्य में जातिगत जनगणना का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। लेकिन पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। तीन राज्यों में कांग्रेस पार्टी की हार के बाद कई सवाल उठने लगे हैं। ऐसा इसलिए कि इस हार के बाद विपक्षी गठबंधन में भी कांग्रेस कमजोर हो गई है और इसका असर लोकसभा चुनाव की सीट शेयरिंग पर भी पड़ेगा। हालांकि कांग्रेस को थोड़ी-बहुत राहत तेलंगाना से मिली है, जहां पार्टी की सरकार बनने जा रही है।
कुछ ही महीनों के बाद होंगे लोकसभा चुनाव 2024
विधानसभा चुनाव तो बीत गए और बीजेपी ने कांग्रेस को बुरी तरह से हरा दिया है। लेकिन अब असली लड़ाई का वक्त बेहद नजदीक है क्योंकि राजनीति का फाइनल 2024 के लोकसभा चुनाव में होने वाला है। भाजपा ने जहां उत्तर भारत में अपनी मजबूत पकड़ साबित की है, वहीं कांग्रेस पार्टी दक्षिण भारत में कुछ हद तक अपनी पकड़ बनाए हुए है। लेकिन तीन राज्यों में मिली हार का सबसे ज्यादा असर इंडिया गठबंधन में कांग्रेस की पोजीशन पर पड़ने वाला है।
विधानसभा चुनावों के परिणाम क्या बताते हैं
विधानसभा चुनावों ने यह भी साफ कर दिया है कि बीजेपी से अकेले और सीधी टक्कर में कांग्रेस काफी पीछे है। इससे विपक्षी गठबंधन के बाकी दलों को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है। जिस तरह से कांग्रेस ने इस साल कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के चुनाव जीते, वैसे ही पार्टी ने छत्तीसगढ़ और राजस्थान को गंवा दिया। राजस्थान में पार्टी की आंतरिक कलह ने बंटाधार कर दिया और पब्लिक ने बीजेपी को क्लियर मैंडेट दिया। वहीं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की ऐतिहासिक हार हुई है।
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क्या कांग्रेस दोहरा पाएगी 20 साल पुराना इतिहास
ठीक 20 साल पहले भी कांग्रेस पार्टी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हार गई थी लेकिन कुछ ही महीने के बाद वह लोकसभा में सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनकर उभरी और सरकार बनाई। लेकिन वह दौर नरेंद्र मोदी का नहीं था और ऐसे में कांग्रेस को करिश्माई प्रदर्शन की उम्मीद भी नहीं होगी। मौजूदा विधानसभा हार के बाद कांग्रेस लोकसभा चुनावों में राज्य की छोटी पार्टियों से सीट शेयरिंग के लिए अपना एजेंडा नहीं चला सकती है।
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