सार

केरल के हेपेटोलॉजिस्ट साइरिएक एबी फिलिप्स के परिवार के सदस्य बीमार हो गए थे। कई तरह के जांच कराने के बाद भी वह पता नहीं कर सके कि क्या बीमारी है। कामवाली बाई ने चंद पलों में बीमारी बता दी।

नई दिल्ली। केरल के हेपेटोलॉजिस्ट साइरिएक एबी फिलिप्स (जिन्हें 'द लिवर डॉक्टर' के नाम से जाना जाता है) ने अपने मेडिकल करियर के एक अनोखे अनुभव को सोशल मीडिया पर शेयर किया है। उनके परिवार के एक सदस्य को बीमारी हो गई थी। फिलिप्स खुद डॉक्टर होकर भी बीमारी का पता नहीं लगा पाए। उन्होंने कई जांच कराए, लेकिन पता नहीं चल सका कि रोग क्या है। इससे वे निराश थे।

डॉक्टर और उनके परिवार के लोग इस बात से परेशान थे कि आखिर बीमारी क्या है। इस बीच उनके घर में काम करने वाली एक बुजुर्ग नौकरानी ने वह कर दिया, जिसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी। बुजुर्ग नौकरानी ने 10 सेकंड तक बीमार व्यक्ति को देखा और बता दिया कि उन्हें क्या रोग लग गया है।

बुजुर्ग नौकरानी ने बताया हुई है अंजामपानी बीमारी

डॉक्टर एक्स पर इस घटना के बारे में पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा, "मेरे परिवार के एक वयस्क सदस्य को ठंड लगने, थकान और गठिया के साथ लगातार हल्का बुखार और अजीब चकत्ते की समस्या थी। मैंने वायरल हेपेटाइटिस से लेकर कोविड-19, इन्फ्लूएंजा, डेंगू और एबस्टीन बार वायरस तक सब कुछ जांचा, लेकिन पता नहीं चला कि बीमारी क्या है?"

 

 

डॉक्टर ने लिखा, "मेरी बुजुर्ग नौकरानी ने आकर मुझे बताया कि उसने अपने पोते-पोतियों में यह दाने देखे हैं। इसे स्थानीय भाषा में 'अंजामपानी' (5वीं बीमारी) कहा जाता है। चिंता करने की जरूरत नहीं है। मैंने पार्वोवायरस बी19 की जांच कराई और रिजल्ट पॉजिटिव आया।"

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मेडलाइन प्लस के अनुसार एरिथेमा इंफेक्टियोसम बीमारी ह्यूमन पार्वोवायरस बी19 के संक्रमण के चलते होती है। यह मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर निकलने वाली श्वसन बूंदों के माध्यम से बीमारी फैलती है। इसके सबसे पहचानने योग्य लक्षण गालों पर एक अलग चमकदार लाल चकत्ते हैं। इसे आमतौर पर "थप्पड़ गाल सिंड्रोम" कहा जाता है।

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