सार
द्रोणाचार्य अवार्ड (Dronacharya Award) नहीं मिलने नाराज होकर हॉकी कोच संदीप सांगवान (Sandeep Sangwan) कोर्ट की शरण में पहुंच गए हैं। मंगलवार को उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में इस बाबत याचिका दायर की।
स्पोर्ट्स डेस्क: खेल पुरस्कारों की घोषणा के वक्त विवाद होना आम हो गया है। अब ऐसा चलन सा हो गया है कि जिन खिलाड़ियों का चयन पुरस्कारों के लिए नहीं होता है वह इनका खुलकर विरोध करते हैं। इस बार भी ऐसा ही देखने को मिला है। हॉकी कोच संदीप सांगवान (Sandeep Sangwan) ने द्रोणाचार्य पुरस्कार (Dronacharya Award) के लिए चयनितों की सूची में नाम नहीं होने से नाराज होकर कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने मंगलवार को इस बाबत दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। सांगवान ने अपनी याचिका में कोर्ट से आग्रह किया है कि वह सरकार को उन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार देने के लिए निर्देश दे। इस मामले में अगली सुनवाई 12 नवंबर को हो सकती है।
संदीप सांगवान ने दावा किया है कि वे द्रोणाचार्य पुरस्कार के सच्चे हकदार हैं। मेरिट के आधार पर उन्हें सबसे पहले यह पुरस्कार दिया जाना चाहिए। सांगवान ने कहा कि खेल पुरस्कार 2021 की चयन समिति ने इस पुरस्कार के लिए उनके नाम की सिफारिश की थी। इस सिफारिश के बावजूद खेल मंत्रालय ने उनके नाम पर विचार नहीं किया। संदीप का केस सीनियर एडवोकेट राहुल मेहरा लड़ रहे हैं। मेहरा ने कहा कि संदीप एक योग्य कोच हैं और वे इस पुरस्कार के हकदार हैं।
संदीप ने याचिका में क्या लिखा...
संदीप ने अपनी याचिका में लिखा है कि उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2021 में भारतीय पुरुष हॉकी टीम को प्रशिक्षण दिया था। इस टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। सांगवान ने दावा किया कि इसके अलावा वह कई बड़े हॉकी खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे चुके हैं। हॉकी कोच ने कोर्ट से गुजारिश की है कि वह सरकार और खेल मंत्रालय को निर्देशित करे कि वह खेल पुरस्कारों के लिए नई चयन सूची जारी करे। सांगवान ने दावा किया कि वे द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त करने के लिए तय मापदंडों पर पूरी तरह से खरे उतरते हैं।
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