सार
राजस्थान के अलवर जिले से दुखद मामला सामने आया है। जहां ससुराल में अपनी बेटी पर हो रहे अत्याचारों को देखते देखते परेशान होकर दुखी पिता ने गुरुवार 8 सितंबर की रात सुसाइड कर लिया। घटना से पहले उसने अपने परिवार के लिए लिखा इमोशनल नोट। जिसमें सबसे मांगी माफी।
अलवर. राजस्थान के अलवर जिले में एक व्यक्ति ने केवल सुसाइड इस बात पर कर लिया कि वह अपनी बेटी को उसके ससुराल वालों द्वारा किए जा रहे अत्याचार को बर्दाश्त नहीं कर सका। लगातार 7 साल से पहले यह सब होते देख रहा था। लेकिन बीती रात उसने अपना सब्र खो दिया और कमरे में ही फांसी लगा ली। आज सुबह जब काफी देर तक वह नहीं आया तो परिजनों ने पुलिस को बुलाया जिसके बाद व्यक्ति का शव उसके ही कमरे में फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला। मामले में मृतक की विजय मीणा ने अपने भाइयों को एक सुसाइड नोट भी भेजा है। जिसमें उसने ससुराल पक्ष की एक महिला जो कि दिल्ली पुलिस में कार्यरत है को अपनी बेटी को परेशान करने का जिम्मेदार ठहराया है।
कई बार गया थाने, पर नहीं लिखी शिकायत
वहीं इस मामले में परिजनों का कहना है कि विजय मीणा ने पुलिस में कई बार अपनी बेटी के ससुराल वालों की शिकायत करनी चाहिए उन विराम लेकिन वहां का एक पुलिसकर्मी हेड कॉन्स्टेबल कपूरचंद बार-बार उन्हें धमकाता रहता था। जिसने मामला भी दर्ज काफी दिनों बाद किया था। फिलहाल पुलिस ने शव को बरामद कर लिया है। जिसका पोस्टमार्टम कर परिजनों को शव सौंपा जाएगा। वही परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर मामले में कार्रवाई की जाएगी।
यह सब लिखा सुसाइड नोट में
विजय मीणा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि मेरे तीनों भाइयों से निवेदन है कि मैं आज अपनी जीवन लीला समाप्त कर रहा हूं। तीनों भाइयों को मेरी तरफ से दुखी होने की कोई बात नहीं है। मैं भगवान से इस दुख की घड़ी में आपको शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। मीणा ने अपने सुसाइड नोट में अपनी खुदकुशी का सबसे बड़ा कारण भी बताया है। सुसाइड नोट में विजय ने लिखा है कि उसकी बेटी सुमन दिस को उसके ससुराल वाले हमेशा परेशान करते हैं। इस बात को लेकर वह काफी परेशान है। सुसाइड नोट में विजय ने कहा कि उसकी बेटी के घर को बर्बाद करने वाली रामकरण की बेटी है जिसका नाम कविता है और वह दिल्ली पुलिस में नौकरी कर रही है। बेटी सुमन की सास के एक नवासा है जिसका नाम अंशु मीना है। अंशु की वजह से ही मेरी प्यारी सी पतली सी और भोली भाली बेटी को ऐसे दिन देखने पड़ रहे हैं। जिसके दो छोटे बच्चे हैं जिनमें बेटा मेरे पास है। मेरी भगवान से उम्मीद है कि मेरी बेटी के साथ और मेरे साथ जो 5 सितंबर 2022 को हुआ है। उसमें कुछ लोग हाथोज और हिगोटा गांव के थे। मैं भगवान से उम्मीद करता हूं कि जैसा खुद मैं और मेरी बेटी सुमन जो पिछले 7 साल से दुख देख रहे हैं ऐसा दुख है किसी भी बेटी और पिता को ना देखने को मिले। उसके बाद विजय ने सबको सॉरी भी कही है।
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