सार

यह हैं राजस्थान के अलवर के रहने वाले शुभम यादव। इन्होंने सेंट्रल यूनिवर्सिटीज ऑफ कश्मीर से इस्लामिक स्टडीज (Islamic Studies) की प्रवेश परीक्षा में टॉप करके सबको चौंका दिया है। शुभम भारत के पहले गैर मुस्लिम युवा हैं, जिन्होंने ऐसा कर दिखाया है। शुभम फिलहाल दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई कर रहे हैं।

अलवर, राजस्थान. मौजूदा समय में विभिन्न धर्मों को लेकर जिस तरह से गलतफहमियां पैदा की जा रही हैं, वो स्थिति चिंताजनक है। खासकर इस्लाम को लेकर जिस तरह से भ्रांतियां पैदा की गई हैं, उससे सब वाकिफ हैं। हिंदू-मुस्लिम के बीच दूरियां मिटाने अलवर के एक हिंदू युवा ने इस्लामिक स्टडीज करने का फैसला किया। यही नहीं, उसने सेंट्रल यूनिवर्सिटीज ऑफ कश्मीर में इस्लामिक स्टडीज की प्रवेश परीक्षा दी और टॉप किया। यह हैं शुभम यादव। ये देश के पहले गैर कश्मीरी और गैर मुस्लिम युवा हैं, जिन्होंने टॉप करके सबको चौंका दिया है। शुभम अभी दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी कर रहे हैं। वे सिविल सेवा में जाना चाहते हैं।

इस्लाम को जानने की उत्सुकता खींच लाई
शुभम कहते हैं कि दुनियाभर में इस्लामोफोबिया और धार्मिक धुव्रीकरण ने उन्हें इस धर्म को पढ़ने-समझने की ओर आकर्षित किया।  शुभम मानते हैं कि अगर दो धर्मों के बीच मेलभाव बढ़ाना है, तो परस्पर उन्हें समझाना जरूरी है। इस्लाम में रूढ़िवादिता अधिक है। वे इस्लामी अध्ययन सिर्फ मुसलमानों के बारें में जानने के लिए नहीं करने जा रहे, बल्कि इस्लामिक संस्कृति को जानना भी चाहते हैं।

बता दें कि 29 अक्टूबर को सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर में इस्लामिक स्टडीज में मास्टर कोर्स के लिए अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई थी। शुभम ने दर्शन शास्त्र से स्नातक किया है। शुभम के पिता प्रदीप यादव किराना की दुकान चलाते हैं। मां इंदुबाला इतिहास की टीचर हैं। 

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