महाभारत के अनुसार, जब कुरुक्षेत्र के मैदान में कौरवों और पांडवों की सेना आमने-सामने हुई तो उसके पहले दोनों पक्षों के प्रमुख लोगों ने मिलकर युद्ध के कुछ नियम बनाए थे।
अगर किसी व्यक्ति के घर में वास्तु के दोष होंगे तो उसे नकारात्मकता का सामना करना पड़ सकता है। वास्तु दोषों की वजह से मानसिक तनाव बना रहता है, किसी भी काम में मन नहीं लगता है।
हमारे देश में ऐसे अनेक मंदिर हैं, जो अपनी अनोखी परंपरा व रहस्यों के लिए जाने जाते हैं। ऐसा ही एक मंदिर है मप्र के उज्जैन में स्थित भगवान कालभैरव का।
इस बार 19 नवंबर, मंगलवार को मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। इस दिन कालभैरव अष्टमी का पर्व मनाया जाता है।
इस बार 19 नवंबर, मंगलवार को कालभैरव अष्टमी है। धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने कालभैरव के रूप में अवतार लिया था। कालभैरव को शिव का पूर्ण रूप माना जाता है।
मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालभैरव अष्टमी कहते हैं। इस दिन भगवान कालभैरव की पूजा की जाती है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव ने इसी दिन कालभैरव अवतार लिया था।
महात्मा विदुर महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक थे। विदुर धृतराष्ट्र के मंत्री भी थे और भाई भी। उन्होंने धृतराष्ट्र को युद्ध के परिणाम के बारे में पहले ही बता दिया था।
इस बार 18 नवंबर, सोमवार को पुष्य नक्षत्र होने से सोम पुष्य का शुभ योग बन रहा है। ये योग साल में कभी-कभी ही बनता है। इसलिए इसका विशेष महत्व है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, शनिदेव व भगवान हनुमान की आराधना से दुनिया का हर सुख प्राप्त किया जा सकता है। जहां शनि अच्छे कर्मों का फल देकर भक्त पर कृपा करते हैं, तो वहीं श्रीहनुमान की कृपा बल, बुद्धि, ज्ञान व सफलता के रूप में मिलती है।
वर्तमान समय में बेरोजगारी एक बहुत बड़ी समस्या है। कुछ साधारण उपाय करने से आपकी इस समस्या का समाधान हो सकता है।