Navratri 2024 Devi Katyayani Puja Vidhi: चैत्र नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा का विधान है। नवदुर्गाओं में इनका स्थान छठा है। इनकी पूजा से कईं लाभ मिलते हैं। 14 अप्रैल को देवी के इस रूप की पूजा की जाएगी।
Hindu beliefs: हिंदू धर्म में विवाह से पहले जन्म कुंडली जरूर मिलाई जाती है। कई बार कुंडली के दोष करने के लिए विशेष पूजा भी करवाई जाती है। लाल पूजा भी इनमें से एक है, जो ग्रह शांति के लिए की जाती है।
Surya Tilak Video: अयोध्या राम मंदिर में राम नवमी पर अनोखा नजारा देखने को मिलेगा। राम नवमी की दोपहर ठीक 12 बजे सूर्य की किरणें सीधे राम लला के मस्तक पर पड़ेंगी। इसके लिए वैज्ञानिकों की एक टीम ने 12 अप्रैल को एक सफल परीक्षण भी किया है।
Jawara Visarjan 2024: इस बार चैत्र नवरात्रि का पर्व 9 अप्रैल, मंगलवार से शुरू हो चुका है। 17 अप्रैल को इसका समापन होगा। नवरात्रि के अगले दिन यानी दशमी तिथि को जवारे विसर्जन किए जाते हैं।
Chaitra Navratri 2024 Skandmata: चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन की देवी स्कंदमाता हैं। इनकी पूजा से संतान सुख की प्राप्ति होती है और मानसिक सुख-शांति का अनुभव भी होता है। इनकी गोद में भगवान स्कंद यानी कार्तिकेय हैं।
Chaitra Navratri 2024: इन दिनों चैत्र नवरात्रि का पर्व चल रहा है। धर्म ग्रंथों में नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। ये दोनों नवरात्रि की अंतिम तिथियां होती है। इन तिथियों पर माता की विशेष पूजा, उपाय किए जाते हैं।
Chaitra Navratri 2024: हिंदू धर्म में छोटी लड़कियों को माता का स्वरूप माना जाता है। चैत्र नवरात्रि में कन्या पूजन की परंपरा भी है। नवरात्रि में कन्या पूजन खास तिथि पर किया जाता है और इस दौरान कईं बातों का भी ध्यान रखा जाता है।
Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि में हर दिन देवी के एक अलग रूप की पूजा का विधान है। देवी के इन रूपों का अपना खास महत्व है। जानें चैत्र नवरात्रि 2024 के चौथे दिन देवी के किस रूप की पूजा करें?
kab hai Ram Navmi 2024: हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर राम जन्मोत्सव का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 2 दिन होने से कन्फ्यूजन की स्थिति बन रही है। जानें साल 2024 में कब मनाएं राम नवमी पर्व?
Kab Hai Ram Navami 2024: हर साल चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन राम नवमी का पर्व मनाया जाता है। ये पर्व भगवान श्रीराम के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम के भजन जरूर सुनना चाहिए।