Kushgrahani Amavasya 2023: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को बहुत ही खास गया है। इसके स्वामी पितृ देवता हैं, इसलिए इस तिथि पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि किया जाता है। इस बार भाद्रपद मास की अमावस्या 2 दिन रहेगी।
Bach Baras 2023 Kab hai:भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में बछ बारस का व्रत किया जाता है, इसे गोवत्स द्वादशी भी कहते हैं। इस दिन महिलाएं गाय के साथ उनके बछड़ों की पूजा भी करती हैं। इस व्रत से जुड़े कुछ खास नियम भी हैं।
Aja Ekadashi 2023 Date: धर्म ग्रंथों के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा और जया एकादशी कहते हैं। इस बार ये व्रत 10 सितंबर, रविवार को किया जाएगा। धार्मिक दृष्टि से यह व्रत बेहद ही महत्वपूर्ण है।
Banke Bihari Temple Live Darshan: 7 सितंबर को पूरे देश में जन्माष्टमी का पर्व बड़ी ही धूम-धाम से मनाया गया। जन्माष्टमी का सबसे ज्यादा उल्लास मथुरा और वृंदावन में देखा जा गया। यहां सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें लगी हुई थी।
Janmashtami 2023 Vrat Parana Time: हिंदू धर्म में व्रत पूर्ण होने के बाद उसका पारणा करने का नियम हैं यानी जब व्रत की तिथि समाप्त हो जाए तो उसके बाद विधि-विधान पूर्वक उस व्रत का समापन करना चाहिए, तभी उसका पूरा फल मिलता है।
56 Bhog Kyo Lagate Hai: जन्माष्टमी के मौके पर भगवान श्रीकृष्ण को कई विशेष पकवानों का भोग लगाया जाता है। कईं स्थानों प 56 भोग भी लगाए जाते हैं। भगवान को 56 भोग लगाने की पीछे एक बहुत ही खास कारण है, जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं।
Banke Bihari Temple: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व वैसे तो पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में इसका उल्लास सबसे ज्यादा होता है। देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लाखों भक्त यहां दर्शन करने आते हैं।
Superhit Krishna Bhajan: इस बार जन्माष्टमी का पर्व दो दिन यानी 6 व 7 सितंबर को मनाया जाएगा। देश में अलग-अलग स्थानों पर दोनों ही दिन ये पर्व बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाएगा। इस मौके पर देश के प्रमुख कृष्ण मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
जन्माष्टमी की डेट को लेकर इस बार लोगों में काफी ज्यादा कंफ्यूजन है। इस कंफ्यूजन का कारण है कि अष्टमी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 3.38 बजे से शुरु होकर 7 सितंबर को दोपहर 4.14 बजे तक है।
Janmashtami Rashi Anusar Upay: हर साल भाद्रपद मास में जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस बार ये उत्सव 6 व 7 सितंबर को मनाया जाएगा। मान्यता के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।