कहां है नागराज की वो विशाल प्रतिमा, जिसे देख डर से कांपने लगा था औरंगजेब?
Nag Panchami 2024: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में नागदेवता का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जिसे नागवासुकि मंदिर कहते हैं। इस मंदिर से कईं मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। कहते हैं कि खुद औरंगजेब भी इस मंदिर को नहीं तोड़ पाया था।
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कब है नागपंचमी 2024?
Facts Of Vasukinath Temple Prayagraj: उत्तर प्रदेश का प्रयागराज अपने प्राचीन मंदिरों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इन मंदिरों में से एक वासुकिनाथ मंदिर भी है। कहते हैं कि जिसे भी कालसर्प दोष हो, वे यदि यहां आकर दर्शन कर तो उसकी परेशानी दूर हो सकती है। आम दिनों में भी यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है और नागपंचमी पर तो यहां मेला लग जाता है। इस बार नागपंचमी का पर्व 9 अगस्त, शुक्रवार को है। इस मौके पर जानिए नागवासुकि मंदिर से जुड़ी खास बातें…
औरंगजेब भी नहीं तोड़ पाया ये मंदिर
कहते हैं कि मुगल काल के दौरान औरंगजेब की सेना ने अनेक मंदिर तोड़े, लेकिन वे वासुकिनाथ मंदिर नहीं तोड़ पाए। जब ये बात औरंगजेब को पता चली तो वह खुद इस मंदिर को तोड़ने आया। जैसे ही उसने नागवासुकी की मूर्ति पर वार करने का प्रयास किया स्वयं नागराज दिव्य रूप में वहां प्रकट हो गए। ये देख औरंगजेब कांपने लगा और डर कर बेहोश हो गया। इसके बाद औरंगजेब ने कभी इस मंदिर को तोड़ने का प्रयास नहीं किया।
नागराज की एकमात्र इतनी बड़ी प्रतिमा
वैसे तो हमारे देश में नागराज वासुकि के अनेक मंदिर हैं, लेकिन जितनी बड़ी प्रतिमा प्रयागराज के वासुकिनाथ मंदिर में है, उतनी अन्य कहीं देखने में नहीं आती। यहां नागराज वासुकि की आदमकद प्रतिमा है। कहते हैं कि इनके दर्शन मात्र से ही कालसर्प दोष दूर हो जाता है। यही कारण है कि दूर-दूर से लोग यहां दर्शन करने आते हैं।
ये है मंदिर से जुड़ी मान्यता
प्रयागराज के नागवासुकि मंदिर से जुड़ी मान्यता है कि समुद्रमंथन के दौरान नागराज वासुकि को नेती यानी रस्सी बनाया गया था। देवता और दानवों के द्वारा खींचे जाने के कारण वासुकि काफी घायल हो गए। तब भगवान विष्णु ने उन्हें प्रयागराज जाकर आराम करने को कहा। नागराज वासुकि के आराम करने के कारण ही इस मंदिर का नाम नागवासुकि है।
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Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।