Dev Diwali 2023: हिंदू धर्म ग्रंथों में अनेक प्राचीन नगरों के बारे में जानकारी मिलती है। इन सभी में सप्तपुरियों का विशेष महत्व बताया गया है। सप्त पुरी यानी प्राचीन 7 शहर। बहुत कम लोग इन सप्तपुरियों के बारे में जानते हैं।
Dev Diwali 2023 Facts: कार्तिक पूर्णिमा पर हर साल काशी में देव दिवाली पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 27 नवंबर, सोमवार को मनाया जाएगा। ये परंपरा काफी पुरानी है। इससे जुड़ी कईं कथाएं भी धर्म ग्रंथों में मिलती है।
Kashi Mai Hi Kyo Manate Hai Dev Diwali: हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर काशी में देव दिवाली का पर्व मनाया जाता है। इस मौके पर गंगा नदी के किनारे लाखों दीपक जलाए जाते हैं और लोग दीपदान भी करते हैं।
Dev Diwali 2023 Kashi: काशी में इस बार देव दिवाली पर कईं विश्व रिकार्ड बनने जा रहे हैं। 27 नवंबर, सोमवार को यहां लाखों लोग इस भव्य नजारे को देखने को लिए उपस्थित रहेंगे। 70 देशों के राजदूत भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
Guru Nanak Jayanti 2023: सिक्ख धर्म के संस्थापक गुरु नानकदेव का जन्मदिन प्रकाश पर्व के रूप में हर साल मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 27 नवंबर, सोमवार को है। इस दिन गुरुद्वारों में विशेष आयोजन किया जाता है।
Kartik Purnima 2023 Upay: इस बार कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर, सोमवार को है। धर्म ग्रंथों में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन देव दिवाली का पर्व भी मनाया जाता है। इस तिथि के जुड़ी कईं कथाएं भी प्रचलित है।
Feet Touching Rules: हिंदू धर्म में पैर छूने का अर्थ है सम्मान देना। अक्सर हम अपनी उम्र से बड़े लोगों के पैर छूकर उनके प्रति सम्मान प्रकट करते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अगर हमसे उम्र में छोटे भी हों तो उन्हें अपने पैर नहीं छूने देना चाहिए।
Morning Tips: हिंदू धर्म में मंत्रों का विशेष महत्व है। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक के लिए अलग-अलग कामों के लिए कईं विशेष मंत्रों के बारे में हमारे धर्म ग्रंथों में बताया गया है। आज हम आपको ऐसे ही एक मंत्र के बारे में बता रहे हैं।
हिंदू धर्म में विवाह 16 संस्कारों में से एक माना गया है। हिंदू धर्म में विवाह के कईं प्रकार बताए गए हैं जैसे असुर विवाह, गंधर्व विवाह, राक्षस विवाह और देव विवाह आदि। वर्तमान में भी विवाह से संबंधित कईं परंपराएं प्रचलित हैं।
Kab Hai Dev Diwali 2023: कार्तिक मास के अंतिम दिन देव दिवाली का पर्व मनाया जाता है। इस बार इस पर्व को लेकर लोगों के मन में कन्फ्यूजन की स्थिति बन रहा है, ऐसी स्थिति तिथियों की घट-बढ़ के कारण बन रही है।