Teej Kab ki hai: हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन सुख-समृद्धि बनी रहती है।
Adhik Maas Amawasya Upay: 16 अगस्त, बुधवार को अधिक मास की अमावस्या है। ये तिथि 3 साल में एक बार आती है और सावन अधिक मास की अमावस्या का संयोग तो 19 साल बाद बना है। इस दिन यदि कुछ उपाय किए जाएं तो पितृ दोष से मुक्ति पाई जा सकती है।
Ujjain Mahakal Sawari Live: मध्य प्रदेश के उज्जैन में आज 14 अगस्त को भगवान महाकाल की छठी सवारी निकाली गई। सवारी में एक नवनिर्मित रथ को भी शामिल किया गया। नए रथ पर भगवान महाकाल का घटाटोप मुखारविंद विराजित था।
Shimla Landslide: सोमवार को शिमला में लैंडस्लाइड के चलते 9 लोगों की मौत हो गई और कईं लोग अभी भी समरहिल के निकट बने शिव मंदिर में फंसे हुए हुएं। सोमवार होने से इस दिन मंदिर में लोगों की संख्या काफी ज्यादा थी।
Sawan Somvar Ke Upay: 14 अगस्त को सावन आधिक मास का अंतिम सोमवार को है। ऐसा संयोग कई दशकों में एक बार बनता है। इस दिन कुछ खास उपाय किए जाएं तो हर तरह की परेशानी दूर हो सकती है उपाय करने वाला मालामाल हो सकता है।
World Lizard Day 2023: ज्योतिष शास्त्र में छिपकली से जुड़े कई शकुन-अपशकुन बताए गए हैं। उसक अनुसार छिपकली हमें आने वाले जीवन के बारे में कई संकेत देती है। इन बातों का ध्यान रखा जाए तो कई परेशानियों से बचा जा सकता है।
Nagpanchami 2023: हमारे देश में कई रहस्यमयी मंदिर हैं। ऐसा ही एक मंदिर मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में भी है। इस मंदिर से कई रहस्य जुड़े हुए हैं। ये मंदिर साल में सिर्फ 10 दिन के लिए सावन मास में खुलता है। इस दौरान यहां बड़ी संख्या में श्रृद्धालु आते हैं।
Parma Ekadashi Upay: अधिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को परमा एकादशी कहा जाता है। इस बार ये एकादशी 12 अगस्त, शनिवार को है। इस दिन कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो हर तरह की परेशानी से बचा जा सकता है।
इस बार नागपंचमी का पर्व 21 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन नागदेवता की पूजा करने का विधान है। कुछ लोग जीवित सर्प की भी पूजा करते हैं, जो कि गलत है। ऐसा करने से पुण्य के स्थान पर पाप के भागी बनते हैं।
Ghee Sankranti 2023: भारत विविधताओं का देश हैं। यहां एक ही पर्व कई नामों से मनाया जाता है। जब सूर्य सिंह राशि में प्रवेश करता है तो इसे सिंह संक्रांति कहते हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश में इसे घी संक्राति कहा जाता है।