आज (12 नवंबर, मंगलवार) कार्तिक पूर्णिमा है। सिख समुदाय के लिए ये दिन बहुत ही विशेष है, क्योंकि इसी दिन सिखों के प्रथम गुरु नानकदेवजी की जयंती प्रकाश पर्व के रूप में मनाई जाती है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा (इस बार 12 नवंबर, मंगलवार) को भगवान शिव ने तारकाक्ष, कमलाक्ष व विद्युन्माली के त्रिपुरों का नाश किया था।
जब भी किसी मंदिर जाते हैं या घर में पूजा-पाठ करते हैं तो भगवान का ध्यान करते हुई परिक्रमा जरूर करनी चाहिए।
धर्म ग्रंथों में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है। इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस बार ये पूर्णिमा 12 नवंबर, मंगलवार को है।
हिंदू धर्म में यज्ञ की परंपरा वैदिक काल से चली आ रही है। धर्म ग्रंथों में मनोकामना पूर्ति व किसी बुरी घटना को टालने के लिए यज्ञ करने के कई प्रसंग मिलते हैं।
फेंगशुई चीन का वास्तु शास्त्र है। इसे चीन की दार्शनिक जीवन शैली भी कहा जा सकता है, जो ताओवादी धर्म पर आधारित है। अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहे तो आप भी फेंगशुई के आसान टिप्स अपना सकते हैं।
इस बार 12 नवंबर को बहुत ही शुभ योग बन रहा है। इस दिन कुछ खास उपाय करने से आपका बुरा समय दूर हो सकता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, 12 नवंबर को मंगलवार और पूर्णिमा तिथि एक साथ है।
हिंदू धर्म में जन्म से मृत्यु तक कुल सोलह संस्कार बताए गए हैं। इन संस्कारों में विवाह सबसे महत्वपूर्ण संस्कार है। विवाह के बाद स्त्रियों के लिए पैरों की उंगलियों में बिछिया पहनना अनिवार्य होता है।
इस बार 12 नवंबर, मंगलवार को कार्तिक मास की पूर्णिमा है। हिंदू ग्रंथों में इस तिथि को बहुत ही पवित्र माना गया है। ये कार्तिक मास का अंतिम दिन होता है। इस दिन किए गए दान, जपादि का दस यज्ञों के समान फल प्राप्त होता है।
देवताओं के गुरु बृहस्पति माने गए हैं, वैसे ही दैत्यों का गुरु शुक्राचार्य को माना जाता है। शुक्राचार्य महान ज्ञानी के साथ-साथ एक अच्छे नीतिकार भी थे। उन्होंने कई शास्त्रों की रचना भी की। शुक्राचार्य की कही गई नीतियां आज भी बहुत महत्व रखती हैं।