श्रीराम रक्षा स्त्रोत को रोज पाठ करने से बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है।
तंत्र शास्त्र के उपायों में कई तरह की चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें से एक है हकीक। कुछ लोग इसे चमत्कारी पत्थर भी कहते हैं।
छठ पूजा का त्योहार 31 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। इस व्रत के दौरान सूर्य भगवान और छठी मैया की पूजा की जाती है और ऐसी मान्यता है कि जो भी यह व्रत रखता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
धर्म शास्त्रों के अनुसार, षष्ठी देवी प्रमुख मातृ शक्तियों का ही अंश स्वरूप है। ब्रह्मवैवर्तपुराण के प्रकृतिखण्ड के अनुसार, परमात्मा ने सृष्टि की रचना के लिए स्वयं के शरीर को दो भागों में विभक्त कर लिया।
इस बार 2 नवंबर, शनिवार को छठ पर्व है। इस व्रत में सूर्यदेव को अनेक चीजें चढ़ाई जाती हैं। छठ में वही खाद्य वस्तुएं अर्पित होती हैं जो सूर्य किरणें अवशोषित कर प्रकृति हमें प्रदान करती है। सभी औषधीय गुणों से भरपूर हैं।
हमारी आत्मा हमारे शरीर, दिमाग और इंद्रियों को नियंत्रित करती है। आत्मा कभी नष्ट नहीं होती है, वह सिर्फ शरीर बदलती रहती है। शरीर नस्वर है, पर आत्मा अमर है। जन्म और मृत्यु सिर्फ आत्मा द्वारा शरीर बदलने की प्रकिया का हिस्सा है।
इस बार छठ पर्व 2 नवंबर, शनिवार को है। इस दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा करने की परंपरा है। उत्तर प्रदेश और बिहार में ये पर्व विशेष रूप से मनाया जाता है।
छठ व्रत में लगातार 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखना पड़ता है। छठ पर्व (2 नवंबर, शनिवार) में चार दिनों का व्रत मागधी संस्कृति की अनूठी मिसाल है। इस व्रत मुख्य रूप से सूर्यदेव की पूजा की जाती है।
प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। इसे विनायकी चतुर्थी कहते हैं। इस बार ये व्रत 31 अक्टूबर, गुरुवार को है।
आचार्य चाणक्य ने जीवन को सुखी और समृद्ध बनाने के लिए नीति शास्त्र की रचना की थी।