सार

Pitru Paksha 2024: हिंदू धर्म में श्राद्ध एक जरूरी परंपरा माना गया है। जो लोग श्राद्ध नहीं करते, उन्हें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इनके बारे में अनेक धर्म ग्रंथों में भी बताया गया है।

 

आश्विन मास में श्राद्ध पक्ष मनाया जाता है। इसे पितृ पक्ष भी कहते हैं। इस बार पितृ पक्ष 18 सितंबर से 2 अक्टूबर तक रहेगा। इस दौरान लोग रोज अपने मृत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान आदि करेंगे। धर्म ग्रंथों में श्राद्ध करना बहुत जरूरी माना गया है। जो लोग अपने पितरों का श्राद्ध नहीं करते, उन्हें अपने जीवन में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। श्राद्ध न करने वालों के बारे में क्या लिखा ग्रंथों में, आगे जानिए…

क्या लिखा है धर्म ग्रंथों में…
तैतरीय उपनिषद में लिखा है कि ‘देवपितृकार्याभ्यां न प्रमदितव्यम्’, यानी देवता और पितरों के कार्यों में मनुष्यों को कोई लापरवाही नहीं करनी चाहिए। इससे कईं तरह के कष्टों का सामना करना पड़ता है।

ब्रह्मपुराण के अनुसार…
श्राद्धं न कुरुते मोहात् तस्य रक्तं पिबन्ति ते।
अर्थ- श्राद्ध न करने वाले अपने जीवन में अनेक कष्ट पाते हैं। मृत प्राणी यानी पितृ श्राद्ध न करने वाले सगे संबंधियों का रक्त चूसने लगते हैं।

नागरखंड के अनुसार…
पितरस्तस्य शापं दत्वा प्रयान्ति च।
अर्थ- जो लोग अपने मृत पूर्वजों का श्राद्ध नहीं करते, पितृ देवता उन्हें श्राप देते हैं।

इन परेशानियों का करना पड़ता है सामना
1. धर्म ग्रंथों के अनुसार, जो लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध नहीं करते उनके परिवार में पुत्र नहीं होते, जिससे उनका वंश जल्दी ही खत्म हो जाता है।
2. श्राद्ध न करने वाले लोगों के घरों में कोई न कोई हमेशा बीमार रहता है। इनका काफी पैसा इनके इलाज में ही खर्च होता है।
3. जो लोग श्राद्ध करने में आना-कानी करते हैं, उनके घर में अकाल मृत्यु के योग बनते हैं। जीवन में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
4. पुराणों के अनुसार, श्राद्ध न करने वालों को मृत्यु के बाद भी परेशान रहते हैं और इन्हें नरक भोगना पड़ता है।


ये भी पढ़ें-

पितृ दोष के 5 संकेत, आपके साथ भी होता है ऐसा तो हो जाएं सावधान


श्राद्ध के 15 दिन में होंगे 2 ग्रहण, क्या भारत में दिखेंगे? जानें सूतक का समय


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।