नई दिल्ली. साल 2013 चैंपियंस ट्राफी में भारतीय टीम चैंपियंस की तरह ही खेली थी। टूर्नामेंट के दौरान ICC ने बताया था कि यह चैंपियंस ट्राफी का आखिरी टूर्नामेंट होगा और इसके बाद यह टूर्नामेंट नहीं खेला जाएगा। भारतीय टीम ने एक भी बार यह खिताब नहीं जीता था, पर इस बार टीम में शामिल हर खिलाड़ी ने अपना दम दिखाया और कप लेकर ही लौटे थे। इसके बाद से भारतीय टीम कोई भी ICC ट्राफी अपने घर नहीं ला पाई है। हालांकि इस बीच पृथ्वी शॉ की कप्तानी में अंडर 19 टीम ने जरूर फाइनल जीता था, पर इसके अलावा कोई भी खिताब भारत में नहीं आया है।
महिला T-20 वर्ल्डकप में टीम इंडिया ने अजेय रहते हुए फाइनल में जगह बनाई थी। इस दौरान लीग मैचों में भारत ने ऑस्ट्रेलिया से लेकर श्रीलंका और न्यूजीलैंड तक सभी टीमों को हराया, पर फाइनल में भारत को करारी हार का सामना करना पड़ा।
नई दिल्ली. टीम इंडिया की स्टार स्पिनर राजेश्वरी गायकवाड़ भले ही ऑस्ट्रेलिया की धरती पर कमाल कर रही हों, पर निजी जीवन में उनका संघर्ष अभी भी जारी है। राजेश्वरी का परिवार आज भी खानाबदोशों की तरह जीवन व्यतीत कर रहा है। उनके पास रहने के लिए खुद का घर भी नहीं है। आज भी अगर उनके कुछ फैन मिलने के लिए घर में पहुंच जाएं तो उन्हें बैठाने के लिए जगह नहीं है। किराए के मकान में रहने वाले राजेश्वरी के परिवार को कभी भी घर बदलना पड़ता है। उनके परिवार में कुल 5 बहने हैं, जिसमें वो खुद दूसरे नंबर पर हैं। पूरे परिवार के भरण पोषण की जिम्मेदारी अकेले इस खिलाड़ी पर ही है, पर राजेश्वरी मैदान के बाहर भी सभी चुनौतियों से बखूबी निपट रही हैं।
महिला टी-20 वर्ल्डकप ( Women T20 WORLD CUP) का रविवार को मेलबर्न में फाइनल खेला गया। 4 बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया ने एक बार फिर बड़ा आसानी से यह ट्रॉफी अपने नाम कर ली।
नई दिल्ली. महिला दिवस के मौके पर हर जगह महिलाओं और उनके योगदान के चर्चे हैं। उन सभी औरतों और लड़कियों को याद किया जा रहा है, जो दूसरों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं। जगह-जगह आयोजित कार्यक्रमों में उन्हें सम्मान भी मिलेगा, पर इस मौके पर भी भारतीय क्रिकेट टीम की खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया की धरती पर भारत को पहली बार T-20 वर्ल्डकप का खिताब जिताने के लिए जूझ रही होंगी। टीम में मौजूद हर खिलाड़ी आज हमारे लिए सुपर स्टार है, पर यहां तक पहुंचने का किसी भी खिलाड़ी का सफर इतना आसान नहीं रहा है। टीम इंडिया की हर खिलाड़ी सभी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं। हर खिलाड़ी के जीवन से आप कुछ ना कुछ सीख सकते हैं।
इस 42 वर्षीय खिलाड़ी ने 1996-97 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया तथा रणजी ट्राफी और ईरानी ट्राफी में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। उन्होंने भारत की तरफ से 31 टेस्ट मैचों में 34.11 की औसत से 1,944 रन बनाये जिसमें पांच शतक और 11 अर्धशतक शामिल हैं।
बीपीसीएल के गेंदबाजों संदीप शर्मा, सिल्वेस्टर डिसूजा, भारतीय आलराउंडर शिवम दुबे, परीक्षित वालसांगकर, सागर उदेशी और राहुल त्रिपाठी की पंड्या के सामने एक नहीं चली। हार्दिक ने इन सभी गेंदबाजों को जमकर धोया।
नई दिल्ली. IPL का तेरहवां सीजन इसी महीने के अंत तक शुरू हो जाएगा और दुनियाभर के खिलाड़ी एक बार फिर भारत में अपना जलवा दिखाने पहुंचेंगे। किसी के करारे छक्के पैंस को हमेशा कि लिए याद रह जाएंगे तो किसी की शानदार गेंद इतिहास बना जाएगी, पर IPL के सबसे कंजूस गेंदबाजों की तरफ लोगों का ध्यान कम ही जाता है। राशिद खान से लेकर अनिल कुंबले तक कई गेंदबाज ऐसे रहे हैं, जिनके खिलाफ दुनियाभर के धुरंधर रन नहीं बना पाते। चौके छक्के तो दूर इन गेंदबाजों के खिलाफ सिंगल लेना भी मुश्किल होता है। आज हम आपको ऐसे ही 10 गेंदबाजों के बारे में बता रहे हैं, जिनके खिलाफ रन बनाना हर बल्लेबाज के लिए टेढ़ी खीर साबित हुआ है।
नई दिल्ली. 2011 वर्ल्डकप में भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने जिस बल्ले से छक्का लगाकर टीम इंडिया को विश्व विजेता बनाया था। वह बैट अभी भी देश और देश के लोगों के काम आ रहा है। हाल ही में धोनी ने इस बल्ले को बेचने का फैसला किया। नीलामी के दौरान बल्ले को लेकर 83 लाख की बोली लगी। जब धोनी इस बल्ले से खेल रहे थे, तब इसकी कीमत महज 4 से 5 हजार रुपये रही होगी, पर करोड़ों लोगों के भावों और यादों ने इसकी कीमत लाखों में पहुंचा दी। बल्ले की नीलामी से मिले पैसे को धोनी की पत्नी की संस्था साक्षी फाउंडेशन को दिया गया है। यह संस्था आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों की मदद करती है।
बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने शुक्रवार को कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगा और तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस से निबटने के लिये सभी तरह के उपाय किये जाएंगे।