Bihar Fake Certificate: समस्तीपुर में डोनाल्ड ट्रंप के नाम से हुआ फर्जी निवास प्रमाण पत्र आवेदन! पोर्टल पर ट्रंप की फोटो व आधार नंबर के साथ मांगा गया दस्तावेज, प्रशासन ने किया रिजेक्ट, साइबर क्राइम में केस दर्ज… जांच ने खोले कई चौंकाने वाले राज!
Bihar Fake Certificate Donald Trump: बिहार के समस्तीपुर जिले से एक अजीब और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने प्रशासन और आम लोगों को हैरानी में डाल दिया है। पटोरी अनुमंडल के मोहिउद्दीन नगर प्रखंड में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम से एक निवास प्रमाण पत्र का ऑनलाइन आवेदन दर्ज किया गया है। यह आवेदन 29 जुलाई को पोर्टल पर दर्ज किया गया, जिसमें ट्रंप की तस्वीर, नाम और आधार कार्ड नंबर भी जोड़ा गया था।
फर्जी दस्तावेज के पीछे की साजिश क्या है?
प्रशासनिक जांच के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि यह आवेदन पूरी तरह फर्जी है। अधिकारियों का कहना है कि आवेदन में जो आधार नंबर डाला गया था, वह किसी अन्य व्यक्ति के दस्तावेज से छेड़छाड़ कर जोड़ा गया था। आवेदन में दावा किया गया था कि ट्रंप समस्तीपुर के हसनपुर गांव में रहते हैं। लेकिन जब स्थानीय अधिकारियों ने सत्यापन किया तो यह केस फर्जीवाड़े की श्रेणी में पाया गया।
क्या अब खुलेंगे और भी चौंकाने वाले राज़?
मोहिउद्दीन नगर के सर्किल ऑफिसर बृजेश कुमार द्विवेदी ने बताया कि यह मामला आईटी एक्ट के तहत गंभीर अपराध माना गया है। साइबर क्राइम शाखा में शिकायत दर्ज कर ली गई है और आईपी एड्रेस ट्रैकिंग की प्रक्रिया जारी है। अधिकारियों को शक है कि यह किसी शरारती तत्व द्वारा सरकारी सिस्टम का मजाक उड़ाने के लिए किया गया प्रयास है।
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क्या कुत्तों, कौओं और भगवान राम के नाम पर भी हुए हैं आवेदन?
हैरानी की बात यह है कि डोनाल्ड ट्रंप का नाम अकेला नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि भगवान राम के नाम पर, साथ ही कुत्तों और कौओं की फोटो वाले आवेदन भी पोर्टल पर आए हैं। ये घटनाएं बिहार में ऑनलाइन प्रमाण पत्र प्रणाली की खामियों को उजागर करती हैं।
चुनाव नजदीक, फर्जी दस्तावेज़ों का बढ़ता खेल कितना खतरनाक?
बिहार में चुनावों की आहट के बीच लगातार मिल रहे ऐसे आवेदन चुनाव की निष्पक्षता और प्रशासन की साख पर सवाल खड़े कर रहे हैं। अधिकारी इस बात को लेकर गंभीर हैं कि कहीं ये फर्जीवाड़ा किसी बड़े सायबर नेटवर्क का हिस्सा तो नहीं?
क्या बिहार में ऑनलाइन सिस्टम बन चुका है मज़ाक?
डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर आवेदित फर्जी प्रमाण पत्र ने न सिर्फ हंसी का विषय पैदा किया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि सरकारी डिजिटल व्यवस्था कितनी असुरक्षित है। इस घटना ने साइबर सिक्योरिटी, लोकल प्रशासन की सतर्कता और डिजिटल इंडिया मिशन की पारदर्शिता पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
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