सार

हरियाणा की 106 साल की रामबाई से मिलिए! पिछले साल उन्होंने 85 साल की ऊपर की कैटेगरी में 100 मीटर फर्राटा दौड़(world record for a 100m sprint) में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। अब 26 जून एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

देहरादून. एक कहावत है कि कुछ करने का जुनून हो, तो उम्र मायने नहीं रखती! अब हरियाणा के चरखी दादरी की 106 साल की रामबाई से ही मिलिए! बुजुर्ग उड़न परी अम्मा जी ने 2 साल पहले एथलेटिक्स में कदम रखा था। पिछले साल उन्होंने 85 साल की ऊपर की कैटेगरी में 100 मीटर फर्राटा दौड़(world record for a 100m sprint) में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। अब 26 जून एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

देश की बुजुर्ग एथलीट रामबाई की सक्सेस स्टोरी

रामबाई ने18वीं नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में तीन गोल्ड मेडल- 100 मीटर स्प्रिंट में एक, 200 मीटर स्प्रिंट में एक और शॉट पुट में एक-एक- जीतकर एक और गौरव हासिल किया है। यह काम्पटीशन देहरादून में युवरानी स्पोर्ट्स कमेटी ने कराया था। 85 साल की ऊपर की कैटेगरी के लिए तीनों प्रतियोगिताओं में से प्रत्येक में रामबाई ने टॉप पोजिशन हासिल करने के लिए लगभग 3 से 5 अन्य प्रतिभागियों को हराया।

गोल्ड मेडल जीतने के बाद रामबाई ने गर्व से हरियाणवी में इतना ही कहा कि वे खुश हूं। इसके बाद वे मंच से चली गईं और अपनी पोती को पैर की मालिश करने को कहा।

कौन हैं 106 साल की धावक रामबाई?

रामबाई का जन्म हरियाणा के चरखी दादरी के एक छोटे से गांव कदमा में हुआ था। हैरानी होगी कि उनका लगभग पूरा जीवन घरेलू कामकाज और खेतीबाड़ी में गुजरा। एथलेटिक्स के साथ उनका जुड़ाव तब शुरू हुआ जब 2016 में पंजाब की 100 साल की मान कौर ने वैंकूवर में अमेरिकन मास्टर गेम में 100 मीटर स्प्रिंट में 1 मिनट और 21 सेकंड का समय लेकर स्वर्ण जीतकर दुनिया के सबसे तेज शतकधारी बनकर सुर्खियां बटोरी थीं। इसके बाद कौर ने अगले साल ऑकलैंड में वर्ल्ड मास्टर्स गेम में अपनी 100 मीटर की टाइमिंग में सात सेकंड कम करके (1 मिनट और 14 सेकंड का समय लेकर) अपना ही विश्व रिकॉर्ड बेहतर किया था।

100 साल की धावक मान कौर बनीं 106 की रामबाई की प्रेरणा

रामबाई को मान कौर की कहानी उनकी 41 वर्षीय पोती शर्मिला सागवान ने सुनाई थी। शर्मिला ने कहा था कि अगर 100 साल से अधिक उम्र की महिला ऐसा कर सकती है, तो वे क्यों नहीं?

बस फिर क्या था, थोड़ी सी प्रोफेशन प्रैक्टिस के साथ मैदान पर कड़ी मेहनत करके रामबाई भी धावक बन गईं। वे ज्यादातर दूध, घर का बना डेयरी उत्पाद और खेत की ताजी सब्जियों से युक्त आहार ही लेती हैं। रामबाई ने 100 मीटर की दौड़ केवल 45.50 सेकंड में पूरी करके मान कौर का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यह ओपन मास्टर्स एथलेटिक्स चैम्पियनशिप पिछले साल जून में गुजरात के वडोदरा में हुई थी।

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