फरीदाबाद, हरियाणा. 26 अक्टूबर को फरीदाबाद के बल्लभगढ़ के अग्रवाल कॉलेज में पेपर देकर लौट रही 21 साल की छात्रा निकिता की गोली मारकर हत्या किए जाने के मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक में होगी। पुलिस की सिफारिश को कोर्ट ने सुनवाई के लिए मंजूरी दे दी। ऐसा माना जा रहा है कि अगले तीन महीने में कोर्ट इसका फैसला सुना देगी। 12 दिन पहले स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम(SIT) ने कोर्ट में 600 पन्नों की चार्ज शीट पेश की थी। बता दें कि नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब आलम के चचेरे भाई तौसीफ ने अपने दोस्त रेहान के साथ मिलकर शाम 4 बजे घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में रिवाल्वर उपलब्ध कराने वाले युवक को भी आरोपी बनाया गया है। पीड़ित परिवार को उम्मीद है कि आरोपी को फांसी की सजा मिलेगी। निकिता की मां अपनी बेटी की तस्वीर देखकर फूट-फूटकर रो पड़ती है। दीपावली पर हर खुशियां होंगी, लेकिन इस परिवार में मातम पसरा है। निकिता बी कॉम थर्ड ईयर की स्टूडेंट थी। पेपर देकर लौट रही निकिता को बीच रास्ते तौसीफ ने गाड़ी में खींचने की कोशिश की थी। इनकार करने पर तौसीफ ने उसे गोली मार दी थी। घटना के 5 घंटे बाद पुलिस ने तौसीफ और रेहान को गिरफ्तार कर लिया था। मुख्य आरोपी फिजियोथैरेपी का कोर्स कर रहा था। तौसीफ 12वीं तक निकिता के साथ ही पढ़ा था। वो निकिता पर दोस्ती और धर्म बदलने के लिए दबाव बनाता था। कहता था, मुस्लिम बन जाओ, हम शादी कर लेंगे। 2018 में वो एक बार निकिता को किडनैप कर चुका था। घटना की जांच के लिए एसीपी क्राइम अनिल कुमार की अगुवाई में एसआईटी गठित की गई थी।तौसीफ का परिवार पॉलिटिकली स्ट्रॉन्ग है। दादा कबीर अहमद पूर्व विधायक जबकि चचेरे भाई आफताब आलम मेवात जिले की नूंह सीट से कांग्रेस विधायक हैं। इतना ही नहीं, आफताब के पिता खुर्शीद अहमद हरियाणा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। चाचा जावेद अहमद बसपा से जुड़े हैं। निकिता के पिता मूलचंद तोमर 25 साल पहले यूपी के हापुड़ जिले से बल्लभगढ़ आए थे। निकिता भाई-बहनों में छोटी थी। बड़ा भाई नवीन सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा है, जबकि निकिता सेना में भर्ती होना चाहती थी। आगे पढ़ें निकिता की कहानी...