Mahakaleshwar Bhasma Aarti की श्रावण मास 2025 के लिए सभी ऑनलाइन बुकिंग स्लॉट पहले ही फुल हो चुके हैं। अब श्रद्धालु एलईडी स्क्रीन और चलायमान दर्शन व्यवस्था के जरिए आरती के दर्शन कर सकते हैं। जानें क्या है नई व्यवस्था।

Bhasma Aarti booking Sawan 2025: श्रद्धा जब अपने चरम पर होती है, तो सीमित व्यवस्थाएं भी अपर्याप्त महसूस होने लगती हैं। श्रावण मास 2025 में यही स्थिति उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती को लेकर देखी जा रही है। भगवान शिव के इस प्राचीन ज्योतिर्लिंग में होने वाली विशेष आरती के लिए लाखों श्रद्धालुओं की आस्था उमड़ रही है। नतीजा यह है कि तीन महीने पहले ही सभी ऑनलाइन बुकिंग स्लॉट भर चुके हैं। अब श्रद्धालुओं के सामने सबसे बड़ा सवाल है, अब दर्शन कैसे होंगे?

ऑनलाइन पोर्टल पर दिखा ‘सीट नंबर, शून्य’, क्या अब कोई रास्ता नहीं बचा?

श्री महाकालेश्वर मंदिर के ऑनलाइन पोर्टल पर जब श्रद्धालु भस्म आरती की बुकिंग के लिए जाते हैं, तो हर तिथि पर 'सीट नंबर - 0' लिखा दिखाई देता है। इसका साफ अर्थ है कि सभी स्लॉट पहले ही आरक्षित हो चुके हैं और नए दर्शनार्थियों के लिए ऑनलाइन माध्यम से आरती देखने का विकल्प फिलहाल बंद हो गया है।

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तीन महीने पहले ही बुक हो चुके थे सभी स्लॉट

भस्म आरती, महाकालेश्वर मंदिर की वह विशेष पूजा है जिसे देखने के लिए हर साल लाखों की संख्या में भक्त उज्जैन पहुंचते हैं। श्रावण मास में यह संख्या और भी बढ़ जाती है। मंदिर प्रशासन के अनुसार, इस बार तीन महीने पहले ही सभी आरती स्लॉट बुक हो चुके हैं। सीमित संख्या में प्रवेश पास होने के कारण बहुत से लोग इससे वंचित रह गए हैं।

तो अब दर्शन कैसे करें? मंदिर प्रशासन की नई व्यवस्था पर एक नज़र

जो भक्त भस्म आरती के गर्भगृह दर्शन से वंचित रह गए हैं, उनके लिए मंदिर प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था की है। मंदिर परिसर में बड़े पैमाने पर बैरिकेडिंग की गई है और एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं, ताकि श्रद्धालु आरती का सीधा प्रसारण देख सकें। इसके अलावा ‘चलायमान दर्शन’ की व्यवस्था भी की गई है, जिसके तहत भक्त एक विशेष मार्ग से आरती का दर्शन कर सकते हैं, हालांकि यह अनुभव गर्भगृह से किए गए दर्शन जैसा नहीं होता।

क्यों इतनी लोकप्रिय है भस्म आरती?

भस्म आरती केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि श्रद्धा और आस्था का जीवंत प्रतीक है। यह आरती ब्रह्म मुहूर्त में की जाती है, जिसमें भगवान शिव को भस्म अर्पित की जाती है। माना जाता है कि इस आरती में शामिल होने मात्र से ही जीवन की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और मानसिक शांति की अनुभूति होती है। यही कारण है कि श्रद्धालु इस अनुष्ठान को देखने के लिए महीनों पहले से योजना बनाते हैं।

क्या आगे खुल सकते हैं और स्लॉट?

मंदिर प्रशासन फिलहाल सभी स्लॉट को पहले ही बुक हो जाने की बात कह रहा है। हालांकि, प्रशासन का यह भी कहना है कि अगर कोई आकस्मिक परिस्थिति आती है या कोई स्लॉट रिक्त होता है, तो उन्हें पोर्टल पर अपडेट किया जा सकता है। इसके लिए श्रद्धालुओं को नियमित रूप से ऑनलाइन पोर्टल पर नज़र रखने की सलाह दी गई है।

श्रावण मास के दौरान यदि आप महाकाल की भस्म आरती के दर्शन करना चाहते हैं और बुकिंग नहीं कर पाए हैं, तो निराश न हों। मंदिर की वैकल्पिक व्यवस्था के तहत भी आरती का दृश्य अनुभव किया जा सकता है। प्रशासन की ओर से सुरक्षा और सुविधा दोनों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। ऐसे में जो लोग बिना बुकिंग पहुंचे हैं, उनके लिए यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

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