शिवसेना सरकार में कैबिनेट मंत्री और सीनियर लीडर एकनाथ शिंदे (eknath shinde) अपनी ही पार्टी और सरकार के खिलाफ बागी हो गए हैं। वह शिवसेना के 30 विधायकों के साथ सूरत चले गए हैं। साथ ही एनसीपी के साथ सरकार गिराने की मांग की है।
एक दिन पहले सोमवार को महाराष्ट्र के सांगली जिले में एक डॉक्टर परिवार के 9 सदस्यों ने एक साथ सुसाइड कर लिया। अब इस मामले में पुलिस ने 25 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वहीं 13 लोगों को तो गिरफ्तार भी कर लिया है। वहीं इस सामूहिक सुसाइड केस में कई चौंकाने वाले खुलासे भी हो रहे हैं।
उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्री एकनाथ शिंदे, राज्य के 21 विधायकों जिसमें पांच मंत्री हैं और एक निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं, को लेकर गुजरात के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं। माना जा रहा है कि वह महाअघाड़ी सरकार को गिराने के लिए पूरी लामबंदी कर चुके हैं।
रविवार को महाराष्ट्र में 10 सीटों पर हुए विधानपरिषद की चुनाव में भाजपा को 134 वोट मिले थे। जबकि भाजपा के पास 106 और उसके सहयोगियों के पास मात्र 7 विधायक थे। एकनाथ शिंदे पहले भी कई बार विरोध कर चुके हैं।
महाराष्ट्र की उद्धव सरकार सियासी संकट में फंसती नजर आ रही है। शिवसेना के ही वरिष्ठ नेता और मंत्री एकनाथ शिंदे ने 25 से ज्यादा विधायकों के साथ बगावती तेवर अपना लिए हैं। बता दें कि 2019 में हुए चुनाव के बाद भी महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर 33 दिनों तक सियासी उठापटक चलती रही थी।
महाराष्ट्र सरकार बनाने के लिए 145 सीटों की जरूरत होती है। अभी किसी भी पार्टी के पास ये जादुई आंकड़ा नहीं है। राज्य की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा है जो इस समय विपक्ष में है। रविवार को महाराष्ट्र में हुए विधान परिषद के चुनावों के बाद से एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायक गुजरात के सूरत पहुंच गए हैं।
महाराष्ट्र में उद्धव सरकार की कुर्सी डगमगाती दिख रही है। शिवसेना के नेता और राज्य में मंत्री रहे एकनाथ शिंदे करीब 25 विधायकों के साथ सूरत के एक होटल पहुंच गए हैं। शिंदे शिवसेना और उसकी गठबंधन वाली सरकार से न सिर्फ नाराज हैं, बल्कि वो उद्धव ठाकरे का फोन भी नहीं उठा रहे हैं।
महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार (Maha Vikas Aghadi) पर सकंट के बादल मंडराने लगे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिवसेना के वरिष्ठ नेता और सरकार के मंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) 25 विधायकों को लेकर सूरत पहुंचे हैं। ऐसे कयास लगने लगे हैं कि अब किसी भी वक्त उद्धव ठाकरे का तख्ता पलट हो सकता है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की कुर्सी खतरे में पड़ गई है। यह पहली बार नहीं है कि पार्टी में टूट का असर सीएम की कुर्सी पर पड़ता दिख रहा है। मध्य प्रदेश से लेकर कर्नाटक तक कई ऐसी घटनाएं हुईं हैं, जिसमें पार्टी में टूट के चलते सत्ता चली गई।
2019 के विधानसभा चुनाव के बाद जब शिवसेना भाजपा से अलग हुई तब उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुना था। सीएम भी रेस भी भी उनका नाम सबसे आगे था। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सरकार पर संकट के बादल दिखाई दे रहे हैं।